शब्द का अर्थ
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शार्ग :
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पुं० [सं० शुंग+अण्] १. धनुष। कमान। २. विष्णु के हाथ में रहनेवाला धनुष। ३. अदरक। आदी। ४. एक प्रकार का साग। ५. धनुर्धारी। वि० १. श्रृंग-सम्बन्धी। श्रृंग का। २. सींग का बना हुआ। |
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शार्गंक :
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पुं० [सं० शार्ग+कन्] पक्षी। चिड़िया। |
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शार्गंधन्वा (न्वन्) :
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पुं० [सं० ब० स०] १. विष्णु। २. श्रीकृष्ण। ३. वह जो धनुष चलाता हो। कमनैत। |
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शार्गधर :
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पु० [सं० ष० त० स०] १. विष्णु। २. श्रीकृष्ण। |
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शार्गपाणि :
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पुं० [सं० ब० स०] १. विष्णु। २. श्रीकृष्ण। ३. वह जो धनुष चलाता हो। कमनैत। |
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शार्गंभृत् :
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पुं० [सं० शार्ग्र√भू+क्विप्—तुक्] विष्णु। |
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शार्गवैदिक :
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पुं० [सं० कर्म० स०] एक प्रकार का स्थावर विष। |
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शार्गेष्टा :
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स्त्री० [सं० शार्ग√स्था (ठहरना)+क-टाप्] १. काक जंघा। २. घुँघची। |
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शार्गेष्ठा :
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स्त्री० [सं०] १. महाकरंज। २. लता करंज। |
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शार्गांयुध :
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पुं० [सं० ब० स०] १. विष्णु। २. श्रीकृष्ण। ३. धनुर्धारी। कमनैत। |
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शार्गी (ग्ङिन्) :
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पुं० [सं० शार्ग्ङ+इनि] १. विष्णु। २. श्रीकृष्ण। ३. धनुर्धर। कमनैत। |
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