शब्द का अर्थ
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अंश :
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पुं० [सं०√अंश् (बाँटना या विभक्त करना) +अच्] (वि० आंशिक, क्रि० वि० अंशतः) १. एक ही इकाई या वस्तु के कई अंगों या अवयवों में से हर अंग या अवयव। पूरे या समूचे का कोई खंड, टुकड़ा या भाग। (पार्ट) जैसे—रक्त भी हमारे शरीर का एक अंग है। २. धन, श्रम आदि की वह मात्रा जो व्यक्तिगत रूप से, अलग—अलग या मिलकर किसी कार्य के संपादन में लगाई जाती है। पत्ती। हिस्सा। (शेयर) जैसे—इस व्यापार में चारों भाइयों के समान अंश है। ३. उक्त व्यापार के फलस्वरूप प्राप्त या विभक्त होनेवाली हानि-लाभ आदि की मात्रा। ४. गणित में, पूरे एक या किसी इकाई के कई बराबर भाग। (फ्रैख्शन) ५. चन्द्र, सूर्य आदि ग्रहों के प्रकाश, प्रखरता आदि के विचार से उनका सोलहवाँ बाग। कला। ६. माप-क्रम के लिए किये जाने वाले विभागों में से हर एक। जैसे—(क) ८. अंश का ताप-मान। (ख) भूमध्य रेखा से १३. अंश की दूरी आदि। (डिग्री) ७. ज्यामिति में, वृत्त की परिधि का ३६॰ वाँ भाग। (डिग्री) ८. उत्तराधिकार। ९. जूए में दाँव पर लगाया जाने वाला धन। १. एक आदित्य का नाम। ११. दिन। १२. कंधा। |
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अंशक :
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वि० [सं०√अंश्+ण्वुल्-अक] [स्त्री० अंशिका] १. अंश, खंड, टुकड़े या विभाग करने वाला। २. अंशधारी। पुं० [सं० अंश+कन्] १. भाग, हिस्सा। २. दिन। पुं० (अंश्+ण्वुल् अक) भागी, हिस्सेदार। |
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अंशतः :
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क्रि० वि० [सं० अंश+तस्] केवल कुछ अंशों या हिस्सों में। आंशिक रूप में। (पार्टली, इन्-पार्ट) |
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अंश-दाता (तृ) :
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पुं० [ष० त०] १. वह जो अंश या भाग दे। २. किसी सामूहिक या सार्वजनिक निधि या कोष में अपना अंश सहायता होना। (कान्ट्रिब्यूशन) |
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अंश-दान :
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पुं० [ष० त०] अपने अंश या हिस्से के रूप में किसी को कुछ देना या किसी कार्य में योग देना। तन, धन या मन से सहायक होना। (कान्ट्रिब्यूशन) |
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अंशदानिक :
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वि० [सं० अंशदान+ठन्-इक] अंशदान या सहांश के रूप में होने वाला। साहांशिक। (कॉन्ट्रिब्यूटरी) |
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अंशधर :
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पुं० [सं० अंश√ धृ (धारण करना) +अच्]=अंशधारी। |
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अंशधारी (रिन्) :
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पुं० [सं० अंश√ धृ+णिनि] १. अंश धारण करने वाला। २. हिस्सेदार। (शेयर होल्डर) |
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अंशन :
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पुं० [सं०√अंश्+ल्युट्-अन] १. अंश, भाग या हिस्से करना या लगाना। २. अंशों में चिन्ह, मान आदि स्थिर करके उन्हे अंकित या चिन्हित करना। (कैलिब्रेशन) ३. पूरी संख्या या इकाई के खंड, टुकड़े या विभाग करना। (फ्रैक्शनेशन) |
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अंश-पत्र :
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पुं० [ष० त०] वह पत्र जिसमें किसी व्यापर या संपत्ति के हिस्सेदारों के अधिकारों और हिस्सों का विवरण हो। हिस्सेदारी का दस्तावेज या लेख्य। |
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अंश-मापक :
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वि० [ष० त०] अंश, भाग आदि नापनेवाला। |
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अंश-मापन :
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पुं० [ष० त०] (वि० अंशमापक) किसी वस्तु या यंत्र के अंशों को नापने की क्रिया या भाव। जैसे—तापमापक यंत्र के अंश नापने का कार्य अंश-मापन कहलाता है। |
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अंशल :
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वि० [सं० अंश+लच्] हिस्सों का मालिक। हिस्सेदार। पुं० चाण्क्य का एक नाम। |
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अंश-सुता :
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स्त्री० [ष० त०] यमुना नदी। |
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अंशांकन :
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पुं० [सं० अंश-अंकन, ष० त०] (भू अंशांकित) १. किसी संख्या, इकाई आदि के विभिन्न विभाग करके उन पर अलग-अलग सूचक चिन्ह या रेखाएँ अंकित करना। २. उक्त प्रकार के विभाग स्थिर करके उनका ठीक-ठीक क्रम लगाना। (ग्रेजुएशन) |
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अंशांकित :
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भू० कृ० [सं० अंश-अंक, ष० त०+इतच्] १. जिसका अंशांकन हुआ हो। २. जो किसी क्रम विशेष लगाया गया हो। (ग्रैजुएटेड) |
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अंशापन :
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पुं० [सं०√अंश्+णिच्-पुक्+ल्युट-अन) किसी चीज के अंश या विभाग करके उसके अलग-अलग अंश या विभाग निश्चित या स्थिर करना। अंशों का विभाजन करना। (अपोर्शनमेण्ट) |
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अंशावतार :
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पुं० [सं० अंश-अवतार, ष०त०] ईश्वर का यह अवतार जिसमें ईश्वरता के कुछ ही अंश हों, पूर्णता न हो। |
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अंशी (शिन्) :
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वि० [सं० अंश+इनि) स्त्री० अंशिनी] १. अंश रखनेवाला, अंशधारी। २. जिसमें विशेष रूप से ईश्वर का अंश दिखाई दे। अवतारी। पुं० १. किसी व्यापारिक संस्था या संपत्ति में अंश या हिस्सा रखने वाला। साझीदार। २. किसी अंश या हिस्से का स्वामी। ३. नाटक का नायक। ४. हिन्दू परिवार में संपत्ति या बँटवारे का लेख या दस्तावेज। |
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अंशु :
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पुं० [सं० √अंश्+कु] १. सूर्य। २. सूर्य की किरण। ३. डोरा सूत। ४. एक प्राचीन ऋषि। ५. बहुत छोटा भाग या अंश। |
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अंशुक :
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पुं० [सं० अंशु+क] १. कपड़ा, वस्त्र। २. बहुत महीन कपड़ा। ३. रेशमी कपड़ा। ४. उपरना, दुपट्टा। ५. ओढ़ना, चादर। ६. तेजपत्ता। |
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अंशु-जाल :
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पुं० [ष० त०] किरणों का जाल या समूह। |
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अंशु-धर :
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पुं० [ष० त०] सूर्य। |
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अंशु-नाभि :
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स्त्री० [ष० त०] वह बिन्दु या स्थान जिस पर प्रकाश की रेखाएँ तिरछी होकर और मिलकर एक साथ गिरती हों। |
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अंशु-पति :
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पुं० [ष० त०] सूर्य। |
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अंशुमत :
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पुं०=अंशुमान्। |
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अंशु-मर्दन :
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पुं० [ष० त०] ज्योतिष में ग्रहयुद्ध के चार भेदों में से एक। विशेष—दे० ‘ग्रहयुद्ध'। |
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अंशुमान् (मत्) :
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पुं० [सं० अंशु+मतुप्] १. सूर्य। २. अयोध्या के एक प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा। |
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अंशु-माला :
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स्त्री० [ष० त०] सूर्य की किरणें या जाल। |
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अंशुमाली (लिन्) :
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पुं० [सं० अंशु√मल् (धारण) +णिनि] सूर्य। |
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अंशुल :
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वि० [सं० अंशु√ला (आदान) +क] अंशु या चमकवाला, चमकीला। पुं० चाण्क्य का एक नाम। |
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