शब्द का अर्थ
|
अठंग :
|
पु० [सं० अष्टांग] १. वह जिसके आठ अंग हों। २. योग जिसके आठ अंग माने गये हैं। वि० १. आठ अंगोंवाला। २. अष्टांग योग से संबंध रखनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठ :
|
वि० [सं० अष्ट प्रा० अट्ठा] आठ का वह संक्षिप्त रूप जो उसे यौगिक शब्दों के आरम्भ में लगाने पर प्राप्त होता है। जैसे—अठपहला, अठ-मासा आदि० |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठइसी :
|
स्त्री० [हिं० अठाईस] फलों की गिनती का वह प्रकार जिसमें अठाईस गाहियों अर्थात् १४॰ का सैकड़ा माना जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठई :
|
स्त्री० [सं० अष्टमी] अष्टमी तिथि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठकरी :
|
स्त्री० [हिं० अठ+कहार ?] वह पालकी जिसे आठ कहार ढोते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठ-कौशल :
|
पुं० [सं० अष्ट-कौशल) १. गोष्ठी। पंचायत। २. मंत्रणा। सलाह। ३. चतुरता। चालाकी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठ-कौसल :
|
पुं०=अठ कौशल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठखेल :
|
स्त्री० [हिं० अठखेली] १. अठखेलियाँ करनेवाला (अर्थात चंचल या चुलबुला) २. खेलखाड़ी। (क्व०) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठखेलपन :
|
स्त्री० [हिं० अठखेल-पन] १. हाव-भावपूर्ण चंचलता। चुलबुलापन। २. चोचला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठखेली :
|
स्त्री० [सं० अष्टकेलि, प्रा० अट्ठाखग, अड्डखेल्ल] १. अल्हड़पन, मस्ती और विनोद से भरी चंचलता। चुलबुलापन। २. उक्त प्रकार की चंचलता के कारण दूसरों के की जाने वाली छेड़छाड़। चोचला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठत्तर :
|
वि०=अठहत्तर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठन्नी :
|
स्त्री० [हिं० आठ+आना] आठ आने मूल्य का छोटा सिक्का। अधेली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठपतिया :
|
वि० [सं० अष्ट पत्रिका, पा० अटृपत्तिका, प्रा० अटृपत्तिका] आठ पत्तों या पत्तियोंवाला। पुं० चित्रकारी और पत्थर की नक्काशी का वह प्रकार जिसमें आठ पत्तोंवाले फूल बनाये जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठपहला :
|
वि० [सं० अष्ट पटल, पा० अटृपटल, अटृपअल] जिसके आठ पहल या पार्श्व हों। अठ-पहिया |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठपाव :
|
पूं० [सं० अष्टपाद, पा० अट्ठापाद, प्रा० अट्ठापाव] उपद्रव। पाजीपन। शरारत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठपेजी :
|
वि० [दे० आठ+अ० पेज=पृष्ठ] जिसके आठ पन्ने या पृष्ठ हों। पुं० छापे में, पुस्तक के पृष्ठों का वह आकार जिसमें कागज का ताव इस प्रकार मोड़ा जाता है कि उसके आठ पृष्ठ बन जायँ। (आँक्टेवो) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठपन्ना :
|
पुं० [सं० अट्=घूमना+बंधन)] वह बाँस जिस पर करघे की लंबाई से बढ़ा हुआ ताने का सूत लपेटा जाता है। (जुलाहे) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठमासा :
|
वि० [सं० अष्टमास] १. जो आठ महीने का हो। २. (बच्चा) जो गर्भ से आठ महीने में उत्पन्न हुआ हों। पुं० १. सीमान्त संस्कार जो गर्भाधान के आठवें महीने में होता है। २. ईख का खेत जिसमें आठ महीने (आषाढ़ से माघ तक) फसल रहती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठमासी :
|
वि० [सं० अष्टमाश] तौल में आठ माशे वजन का। स्त्री० गिन्नी नाम का सोने का एक अँगरेजी सिक्का जो तौल में लगभग आठ माशे का होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठलाना :
|
अ० [हिं० अठखेली] १. अठखेलियाँ करना। चोंचले दिखाना। २. इतराना। ३. उक्त प्रकार से जानबूझ कर अनजान बनना या खिलवाड़ करना। ४. ऐंठ या शेखी दिखाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठवना :
|
अ० [सं० स्थान, पा० ठान=ठहराव] १. आगे बढ़ना। २. इकट्ठा या जमा होना। स० (झगड़ा, लड़ाई आदि) ठानना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठवाँस :
|
पुं० [सं० अष्टपार्श्व] आठ पहलोंवाली या अठपहली कोई चीज। वि० दे० ‘अठ-पहला’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठवाँसा :
|
वि० पुं०=अठ-मासा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठवारा :
|
पुं० [सं० अष्ट, पा० अटृ+सं० वार] १. आठ दिनों के बीच का सारा समय। २. सप्ताह। हफ्ता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठवारी :
|
स्त्री० [सं० अष्टबार, पा० अटृवार] वह प्रथा जिसमें असामी को प्रति आठवें दिन अपना हल-बैल जमींदार को खेत जोतने के लिए देना पड़ता है। (क्व०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठवाली :
|
स्त्री० [हिं० आठ+वाली (प्रत्यय) ] १. वह पालकी जिसे आठ कहार ढ़ोते हैं। अठकारी। २. वह मोटा मजबूत बाँस जो भारी पत्थर ढोने के समय सेंगरे के ऊपर बाँधा जाता हैं।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठसिल्या :
|
स्त्री० [सं० अष्टशिला] राजा, देवता आदि का सिंहासन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठहत्तर :
|
वि० [सं० अष्ट सप्तति, प्रा० अटृहत्तरि] जो गिनती में सत्तर और आठ हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या-७८ |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठहत्तरवाँ :
|
वि० [हिं० अठहत्तर] क्रम या गिनती में ७८ के स्थान पर पड़नेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठाई :
|
वि० [हिं० अठान] १. अनुचित हठ ठानने वाला। झगड़ा या तकरार करने वाला। २. उपद्रवी, नटखट। पाजी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठान :
|
पुं० [हिं० अ=अनुचित+ठानना में का ठान] १. अनुचित हठ ठानने की क्रिया या भाव। दुराग्रह। २. बहुत ही कठिन या दुष्कर कार्य। ३. पाजीपन शरारत। ४. झगड़ा। ५. वैर-विरोध। शत्रुता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठाना :
|
अ० [हिं० आठ] आठ (प्रथाओं या बातों) से युक्त होना। उदाहरण—मामा पियै इनकी तरी माइको है हरि आठहूँ गाँठ अठाये।—केशव। स० [हिं० आठ (से युक्त होना) या अठान=अनुचित हठ] १. अनुचित हठ ठानना। २. उपद्रव या शऱारत करना। ३.तंग या परेशान करना। ४. पीड़ित करना। सताना। उदाहरण—आजु सुन्यौ अपने पिय प्यारे को काम महा रघुनाथ अठाए।—रघुनाथ बन्दीजन। स० ठानना। मचाना। जैसे—युद्ध अठाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठार :
|
वि० पुं०=अठारह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठारह :
|
वि० [सं० अष्टादशन्, प्रा० अटृदह, अट्ठारस, अप० अट्ठारह, पं० अठाराँ, उड़िअठर, गु० अठार, अडार, सि० अडहं, का० अर्दह, सिंह अटकोस] जो गिनती में दस से आठ अधिक हो। पुं० १. उक्त की सूचक संख्या। २. चौसर के पासे का एक दाँव, जिसके पड़ने पर गोटी अठारह घर चलती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठारहवाँ :
|
वि० [सं० अष्टादश, प्रा० अट्ठारसम, अप० अट्ठारहम, हिं० अठारह] क्रम या गिनती में १८. के स्थान पर पड़नेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठाव :
|
पुं० दे० ‘अठपाव’। (बुन्देल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठासिवाँ :
|
वि० [हि० अठासी] क्रम या गिनती में ८८ के स्थान पर पड़नेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठासी :
|
वि० [सं० अष्ट, सीति, प्रा० अट्ठासीइ, अप० अट्ठासि] जो गिनती में अस्सी से आठ अधिक हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या।-८८ |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठिलाना :
|
अ०=इठलाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठी :
|
पुं० [हिं० हठी ?] योद्धा। सैनिक। (राज०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठेल :
|
वि० [सं० अ=नहीं+हि० ठेलना] जो ठेला अर्थात् आगे बढ़ाया या हटाया न जा सके। पुं० बलवान। शक्तिशाली। (डिं०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठोंगर :
|
पुं० [सं० अष्ट-अंग-ईर=चलाना] १. ब्याह की एक रस्म जिसमें वर तथा अन्य सात व्यक्ति एक साथ मूसल पकड़कर धान कूटते हैं। (मिथिला) उदाहरण—धरिअऊ मूसर सम्हारि अठोंगर विध भारी है।—मैथिली लोक-गीत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठोठ :
|
पुं० [हिं० आठ+ओठ या हिं० ठाटी] आडंबर। पाखंड।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठोतर-सौ :
|
वि० [सं० अष्टोत्तरशत, पा० अठुत्तररसत] जो सौ से आठ अधिक हो। एक सौ आठ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठोत्तरी :
|
स्त्री० [सं० अष्टोत्तरी] एक सौ आठ दानों की माला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठौड़ी :
|
पुं [सं० अष्टपदी] चौपायों के शरीर में लगनेवाला एक प्रकार का कीड़ा जिसके आठ पैर होते है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अठौरा :
|
पुं० [सं० अष्ट, प्रा० अटृ√हिं० औरा (प्रत्यय०)] एक पत्ते में बँधे हुए पान के आठ बीड़े। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |