शब्द का अर्थ
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अभुक्त :
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वि० [सं० न० त०] १. जो खाया न गया हो। २. जो भोगा न गया हो। ३. जो प्रयोग या व्यवहार में न लाया गया हो। ४. जो (चेक या देयादेश) भुनाया न गया हो। |
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समानार्थी शब्द-
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अभुक्त-पूर्व :
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वि० [सं० भुक्त-पूर्व, महसुपा समास, न-भुक्तपूर्व, न० त०] जिसका पहले कभी भोग, उपयोग या व्यवहार न किया गया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अभुक्त-मूल :
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पुं० [सं० कर्म० स०] ज्येष्ठा नक्षत्र के अंत की दो घड़ियाँ और मूल नक्षत्र के आदि की दो घड़ियाँ जिन्हें गंडाल भी कहते हैं। (ज्यो०) |
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समानार्थी शब्द-
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