शब्द का अर्थ
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ऊँट :
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पुं० [सं० उष्ट्र, पा० उट्ट] [स्त्री० ऊँटनी] एक प्रसिद्ध रेगिस्तानी पशु जिस पर सवारी की जाती तथा बझ लादा जाता है। यह रेतीले मैदानों में बिना कुछ खाये-पीये कई दिन निरंतर चलता रहता है। कहावत-ऊँट किस करवट बैठता है=इस बात की प्रतीक्षा में रहना कि किसी बात या समस्या का अंत किस या कैसा प्रकार होता है। मुहावरा— ऊँट के गले में बिल्ली बाँधना किसी बहुत बड़ी समस्या को साधारण ठहराते हुए उसके साथ कोई ऐसी बहुत ही छोटी या साधारण समस्या लगा देना जिसके बिना उस बड़ी समस्या का निराकरण ही न हो सकता हो। २. रहस्य संप्रदाय में, मन। मुहावरा—ऊँट के मुँह में जीरा=किसी बहुत बड़े डील-डौलवाले आदमी को उसके आकार या खुराक के विचार से बहुत थोड़ी चीज खाने को देना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊँटकटारा :
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पुं० [सं० उष्ट्र-कण्ट] एक प्रकार की कँटीली झाड़ी या पौधा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊँटवान :
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पुं० [हिं० ऊंट+वान (प्रत्यय)] वह व्यक्ति जो ऊंट चलाता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊँट :
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पुं० [सं० उष्ट्र, पा० उट्ट] [स्त्री० ऊँटनी] एक प्रसिद्ध रेगिस्तानी पशु जिस पर सवारी की जाती तथा बझ लादा जाता है। यह रेतीले मैदानों में बिना कुछ खाये-पीये कई दिन निरंतर चलता रहता है। कहावत-ऊँट किस करवट बैठता है=इस बात की प्रतीक्षा में रहना कि किसी बात या समस्या का अंत किस या कैसा प्रकार होता है। मुहावरा— ऊँट के गले में बिल्ली बाँधना किसी बहुत बड़ी समस्या को साधारण ठहराते हुए उसके साथ कोई ऐसी बहुत ही छोटी या साधारण समस्या लगा देना जिसके बिना उस बड़ी समस्या का निराकरण ही न हो सकता हो। २. रहस्य संप्रदाय में, मन। मुहावरा—ऊँट के मुँह में जीरा=किसी बहुत बड़े डील-डौलवाले आदमी को उसके आकार या खुराक के विचार से बहुत थोड़ी चीज खाने को देना। |
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समानार्थी शब्द-
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ऊँटकटारा :
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पुं० [सं० उष्ट्र-कण्ट] एक प्रकार की कँटीली झाड़ी या पौधा। |
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समानार्थी शब्द-
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ऊँटवान :
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पुं० [हिं० ऊंट+वान (प्रत्यय)] वह व्यक्ति जो ऊंट चलाता हो। |
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समानार्थी शब्द-
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