शब्द का अर्थ
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कज्जल :
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पुं० [सं० कु-जल, ब० स० कद् आदेश] १. आँखों में लगाने का काजल या अंजन। २. सुरमा। ३. दीपक आदि की कालिख। कजली। ४. बादल। मेघ। ५. चौदह मात्राओं का एक छंद जिसके अंत में एक गुरु और एक लघु होता है। |
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कज्जल-ध्वज :
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पुं० [ब० स०] दीपक। |
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कज्जलरोचक :
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पुं० [सं० कज्जल√रुच् (दीप्ति)+णिच्+अच्+कन्] दीअट। दीपाधार। |
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कज्जलित :
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भू० कृ० [सं० कज्जल+इतच्] १. कज्जल या काजल से युक्त किया हुआ। जिसमें काजल लगा हो। २. काला। |
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कज्जली :
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स्त्री० [सं० कज्जल+क्विप्+अच्-ङीष्] १. एक प्रकार की मछली। २. एक प्रकार का द्रव्य, जो गंधक तथा पारे के योग से बनाया जाता है। ३. स्याही। |
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