शब्द का अर्थ
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करग :
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पुं० [सं० कर-अग्र] हाथ का अगला भाग। हथेली। उदा०—कामणि करग सुवाण कामरा।—प्रिथीराज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करगता :
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स्त्री० [सं० कटि-गता] कमर से पहनी जानेवाली करधनी। |
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करगहा :
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पुं०=करघा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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करगहना :
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पुं० [सं० कर+हिं० गहना] खिड़की या दरवाजे के चौखटे के ऊपरी भाग में रहने वाली वह चौड़ी लकड़ी या पत्थर जिसके ऊपर दीवार बनती है। |
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करगही :
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स्त्री० [हिं० कारा, काला+अंग] १. एक प्रकार का जड़हन पान जो अगहन में तैयार होता है। स्त्री० [हिं० करघा] एक प्रकार का कर जो पहले जुलाहों पर उनके करघा की संख्या के हिसाब से लगता था। |
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करगी :
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स्त्री० [सं० कर-ग्रहण] एक प्रकार की खुरचनी जिससे कोई जमी हुई या दानेदार वस्तु खुरची जाती है। स्त्री० [देश०] १. पानी की बाढ़। २. ओला। पत्थर। |
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