शब्द का अर्थ
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खार :
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पुं० [सं० क्षार, प्रा० खार] १. कुछ विशिष्ट वनस्पतियों आदि को जलाकर अथवा रासायनिक प्रकिया से निकाला जाने वाला खारा पदार्थ जो औषधियों तथा औद्योगिक कार्यों में प्रयुक्त होता है। क्षार। २. सज्जी। ३. नोनी मिट्टी। कल्लर। रेह। ४. धूल। मिट्टी। ५. भस्म। राख। ६. एक प्रकार की झाड़ी जिसके अंगों को जलाने से खार नामक पदार्थ निकलता है। पुं० [फा० खार] १. काँटा। कंटक। २. कुछ पक्षियों के पैरों में निकलनेवाला काँटा। खाँग। ३. दूसरों की अभिवृद्धि, उन्नति, ऐश्वर्य आदि देखकर मन में होनेवाला दुःख। ४. मन में दबा रहनेवाला और काँटे की तरह चुभनेवाला गहरा द्वेष। मुहावरा–(किसी से) खार खाना=किसी के प्रति मन में दुर्भाव या द्वेष रखना और फलतः उसे हानि पहुँचाने की ताक में रहना। खार गुजरना-मन में बुरा लगना। खटकना। खार निकालना=मन में छिपे हुए द्वेष के कारण किसी को कष्ट पहुँचाकर अथवा उसकी हानि करके सन्तुष्ट या सुखी होना। पुं० [हिं० खाल=नीचा स्थान] १. बरसाती नाला। खाल। उदाहरण-दई न जात खार उतराई चाहत चढ़न जहाजा।–सूर। २. पानी का छोटा गड्ढा। डाबर। वि० [सं० क्षर] १. खरा। २. वास्तविक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि० [सं० खर] खराब। बुरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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खारक :
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पुं० [सं० क्षारक, पा० खारक] छुहारा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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खारदार :
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वि० [फा०] काँटो से युक्त। कँटीला। पुं० एक प्रकार का सलमा। |
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खारा :
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वि० [सं० क्षार] [स्त्री० खारी] १. (पदार्थ) जिसमें क्षार या अंश का गुण हो। २. (जल) जिसमें क्षार मिला या घुला हो। जो स्वाद में कुछ नमकीन हो। ३. अप्रिय या अरुचिकर। पुं० [सं० क्षारिक या खारना] १. घास-फूँस आदि बाँधने की जाली। २. वह जाली जिसमें भरकर तोड़े हुए आम या दूसरे फल नीचे गिराये जाते हैं। ३. बड़ा और चौखूँटा दौरा। झाबा। ४. बाँस का बड़ा पिजड़ा। ५.सरकंडे आदि का बना हुआ एक प्रकार का गोल और चौकोर आसन जिस पर पश्चिम में विवाह के समय वर और कन्या को बैठातें हैं। पुं० [फा० खार] १. कड़ा और भारी पत्थर। २. एक प्रकार का कपड़ा। |
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खारि :
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स्त्री० [सं० ख-आ√रा (देना)+क-डीषं,हृस्व] १६ द्रोण की एक पुरानी तौल। |
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खारिक :
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पुं० [सं० क्षारक] छुहारा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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खारिज :
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वि० [अ०] १. जो किसी स्थान, सीमा आदि से बाहर कर दिया अथवा हटा दिया गया हो। निकाला हुआ। बहिष्कृत। २. (प्रार्थना पत्र आदि) जो अस्वीकृत कर दिया गया हो। मुहावरा– खारिज करना=विचार के आयोग्य मानना। नामंजूर करना। (डिस्मिस) (नालिश, दरख्वास्त आदि)। |
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खारिजा :
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वि० [अ०] १. खारिज किया या बाहर निकाला हुआ। २. बाहरी। ब्रह्वा। ३. दूसरे राष्ट्रों या विदेशों से संबंध रखनेवाला। |
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खारिजी :
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वि० [अ०] १. बाहरी। ब्रह्रा। २. परराष्ट्र संबंधी। पुं० १. इस्लाम का एक संप्रदाय जो अली की खिलाफत को न्याय-संगत नहीं मानता और इसी लिए उसके अनुयायी बहिष्कृत समझे जाते हैं। २. सुन्नी मुसलमानों के लिए उपेक्षासूचक शब्द। |
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खारिश :
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स्त्री० [फा०] खुजली। (देखें)। |
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खारी :
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स्त्री० [सं० ख-आ√रा+क-ङीष्] चार अथवा सोलह द्रोण की एक पुरानी तौल। स्त्री० [हिं० खाला] लोना मिट्टी में से निकाला जानेवाला नमक। खारा नमक। वि० क्षार या खार से युक्त। खारा। |
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खारीमाट :
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पुं० [हिं० खारी+मा-मटका] नील का रंग तैयार करने का एक ढंग। |
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खारुआँ :
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पुं० [सं० क्षारक] आल के रंग में रंगा हुआ एक प्रकार का मोटा लाल कपड़ा जिसकी थैलियाँ आदि बनती थीं। |
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खारेजा :
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पुं० [फा० खारिजा] एक प्रकार का जंगली कुसुम या बर्रे। बनबर्रे। बनकुसुम। |
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खारी :
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वि० दे० ‘खारा’। |
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खार्जूर :
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वि० [सं० खर्जूर+अण्] १. खजूर संबंधी। खजूरी। २. खजूर का बना हुआ। पुं० प्राचीन काल में खजूर के रस से बननेवाली मदिरा या शराब। |
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खार्वा :
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स्त्री० [सं० खर्व+अण्-टाप्] त्रेतायुग। |
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