शब्द का अर्थ
|
गुच्छ :
|
पुं० [सं०√गु (शब्द करना)+क्विप्, गुत्=शो (सूक्ष्म करना)+क] १. गुच्छा। २. ऐसा झाड़ या पौधा जिसमें मोटा तना न हो, केवल पतली टहनियाँ और पत्तियाँ हों। झाड़ी। ३. बत्तीस लड़ो का हार। ४. मोतियों की माला। ५. मोर की पूँछ। ६. घास का पूला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छक :
|
पुं० [सं० गुच्छ+कन्]=गुच्छ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छ-पत्र :
|
पुं० [ब० स०] ताड़ का पेड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छ-पुष्प :
|
पुं० [ब० स०] १. अशोक वृक्ष। २. छतिवन। ३. रीठा। ४. धव। धातकी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छ-फल :
|
पुं० [ब० स०] १. रीठा। २. निर्मली। ३. दमनक। दीना। ४. अंगूर। ५. केला। ६. मकोय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छल :
|
पुं० [सं० गुच्छ√अल्(पर्याप्ति)+अच्,पररूप] एक प्रकार की घास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छा :
|
पुं० [सं० गच्छ] १. एक ही प्रकार की बहुत सी वस्तुओँ का ऐसा समूह जो एक साथ उगा, उपजा या बना हो। जैसे–अंगूरों का गुच्छा। २. एक साथ इकट्ठी की हुई एक प्रकार की वस्तुओं का समूह। जैसे–तालियों का गुच्छा। ३. तारों, बालों आदि की उक्त प्रकार की रचना का रूप। झब्बा। फुँदना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छातारा :
|
पुं० [हं० गुच्छा+तारा] कचपचिया नाम का तारा-पुंज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छार्द्ध :
|
पुं० [गुच्छ-अर्द्ध,ष० त०] वह हार जिसमें सोलह अथवा चौबीस लड़ होते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छार्ध :
|
पुं० =गुच्छार्द्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छी :
|
स्त्री० [सं० गुच्छ] १. करज। कंजा। २. रीठा। ३. खुभी की जाति की एक वनस्पति जो कश्मीर और पंजाब में होती है। और जिसके बीज कोषों के गुच्छों की तरकारी बनती हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गुच्छेदार :
|
वि० [हिं० गुच्छा+फा० दार (प्रत्यय)] १. जो गुच्छे या गुच्छों के रूप में हो। २. जिसमें गुच्छा या गुच्छे लगें हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |