शब्द का अर्थ
|
चटाक :
|
पुं० [अनु०] १. वह शब्द जो दो वस्तुओं के चकराने अथवा किसी वस्तु के गिरने, टूटने आदि से होता है। क्रि० प्र० चट या चटाक शब्द उत्पन्न करते हुए। पद-चटाक-पटाक=(क) चटाक या चट-चट शब्द के साथ। (ख) बहुत जल्दी। तुरन्त। २. थप्पड़ मारने से होनेवाला शब्द। पुं०=चकत्ता (दाग)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चटाकर :
|
पुं० [देश०] एक प्रकार का पेड़ जिसका फल खट्टा होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चटाका :
|
पुं० [अनु०] १. लकड़ी या और किसी कड़ी वस्तु के जोर से टूटने का शब्द। २. तीव्रता। प्रबलता। मुहावरा–चटाके का=कड़ाके का। जोरों का। ३. थप्पड़ जिसके लगने से चटाक शब्द होता है। (पश्चिम)। क्रि० वि० चट-पट। तुरन्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |