शब्द का अर्थ
|
तैं :
|
सर्व०=तू।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) विभ=ते (से) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तैंतिडीक :
|
वि० [सं० तिन्तिडीक+अण्] इमली की कांजी से बनाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तैंतिस-तैंतीस :
|
वि० पुं०=तेंतिस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तैं :
|
अव्य० [सं० तत्] उस मात्रा या मान का। उतना हिं जै का नित्य संबंधी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) जैसे–जै आदमी कहो, तै आदमी आवें।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि० [अ०] १. जो ठीक और पूरा या समाप्त हो चुका हो। जैसे–काम तै करना। २. (झगड़ा) जिसका निपटारा निर्णय या फैसला हो चुका हो। जैसे–आपस का झगड़ा या मुकदमा तै करना। ३. जो निर्णीत या निश्चित हो चुका हो। जैसे–किराया या दाम तै करना। स्त्री०=तह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तैंतालीस :
|
वि०=तेंतालिस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तैंतिक्ष :
|
वि० [सं० तितिक्षा+ण] बरदाश्त या सहन करनेवाला। सहन शील। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तैंतिर :
|
पुं० [सं० तैत्तिर-पृषो० सिद्धि] तीतर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तैंतिल :
|
पुं० [सं०] १.फलित ज्योतिष में ग्यारह करणों में से चौथा करण जिसमें जन्म लेनेवाला कलाकुशल, रूपवान, वक्ता गुणी और सुशील होता है। २. देवता। ३. गैंडा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |