शब्द का अर्थ
|
परिमृष्ट :
|
भू० कृ० [सं० परि√मृज् (शुद्ध करना)+क्त] १. धोया हुआ। २. साफ किया हुआ। ३. अधिकार में किया या लिया हुआ। अधिकृत। ४. (व्यक्ति) जिससे परामर्श किया गया हो। ५. (विषय) जिसके संबंध में परामर्श हो चुका हो। ६. आलिंगित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमृष्टि :
|
स्त्री० [सं० परिमृज्+क्तिन्] परिमृष्ट होने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमृष्ट :
|
भू० कृ० [सं० परि√मृज् (शुद्ध करना)+क्त] १. धोया हुआ। २. साफ किया हुआ। ३. अधिकार में किया या लिया हुआ। अधिकृत। ४. (व्यक्ति) जिससे परामर्श किया गया हो। ५. (विषय) जिसके संबंध में परामर्श हो चुका हो। ६. आलिंगित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमृष्टि :
|
स्त्री० [सं० परिमृज्+क्तिन्] परिमृष्ट होने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |