शब्द का अर्थ
|
पाठ्य :
|
वि० [सं०√पठ्+ण्यत् या√पठ्+णिच्+यत्] १. जो पढ़ा या पढ़ाया जाने को हो। २. पढ़ने या पढ़ाये जाने के योग्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-क्रम :
|
पुं० [ष० त०] वे सब विषय तथा उनकी पुस्तकें जो किसी विशिष्ट परीक्षा में बैठनेवाले परीक्षार्थियों के लिए निर्धारित हों। (कोर्स) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-ग्रंथ :
|
पुं० [सं०] पाठ्य-पुस्तक। (दे०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-चर्या :
|
स्त्री० [सं०] वह पुस्तिका जिसमें विभिन्न परीक्षाओं के लिए निर्धारित विषयों तथा तत्संबंधी पाठ्य-क्रमों का उल्लेख होता है। (करिक्यूलम) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-पुस्तक :
|
स्त्री० [कर्म० स०] वह पुस्तक जो पाठशालाओं में विद्यार्थियों को नियमित रूप से पढ़ाई जाती हो। पढ़ाई की पुस्तक। (टेक्स्ट बुक) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य :
|
वि० [सं०√पठ्+ण्यत् या√पठ्+णिच्+यत्] १. जो पढ़ा या पढ़ाया जाने को हो। २. पढ़ने या पढ़ाये जाने के योग्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-क्रम :
|
पुं० [ष० त०] वे सब विषय तथा उनकी पुस्तकें जो किसी विशिष्ट परीक्षा में बैठनेवाले परीक्षार्थियों के लिए निर्धारित हों। (कोर्स) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-ग्रंथ :
|
पुं० [सं०] पाठ्य-पुस्तक। (दे०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-चर्या :
|
स्त्री० [सं०] वह पुस्तिका जिसमें विभिन्न परीक्षाओं के लिए निर्धारित विषयों तथा तत्संबंधी पाठ्य-क्रमों का उल्लेख होता है। (करिक्यूलम) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाठ्य-पुस्तक :
|
स्त्री० [कर्म० स०] वह पुस्तक जो पाठशालाओं में विद्यार्थियों को नियमित रूप से पढ़ाई जाती हो। पढ़ाई की पुस्तक। (टेक्स्ट बुक) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |