शब्द का अर्थ
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पातन :
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पुं० [सं०√पत्+णिच्+ल्युट्—अन] १. गिराने या नीचे ढकेलने की क्रिया या भाव। २. फेंकने की क्रिया या भाव। ३. वैद्यक में, पारा शोबने के आठ संस्कारों में से पाँचवाँ संस्कार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातनीय :
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वि० [सं०√पत्+णिच्+अनीयर्] १. जिसका पात हो सके या किया जाने को हो। २. जो गिराया जा सके या गिराया जाने को हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातन :
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पुं० [सं०√पत्+णिच्+ल्युट्—अन] १. गिराने या नीचे ढकेलने की क्रिया या भाव। २. फेंकने की क्रिया या भाव। ३. वैद्यक में, पारा शोबने के आठ संस्कारों में से पाँचवाँ संस्कार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातनीय :
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वि० [सं०√पत्+णिच्+अनीयर्] १. जिसका पात हो सके या किया जाने को हो। २. जो गिराया जा सके या गिराया जाने को हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |