शब्द का अर्थ
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पाथ :
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पुं० [सं०√पा (पीना, रक्षा)+थ] १. जल। २. सूर्य। ३. अग्नि। ४. अन्न। ५. आकाश। ६. वायु। पुं०=पथ (मार्ग)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथना :
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स० [सं० प्रथन या थापना का वर्ण-विपर्यय] १. गीली मिट्टी, ताजे गोबर आदि को थपथपाते हुए या साँचों में ढालकर छोटे छोटे पिंड बनाना। २. मारना-पीटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथ-नाथ :
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पुं० [ष० त०] समुद्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथ-निधि :
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पुं० [ष० त०] दे० ‘पाथौनिधि’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथर :
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पुं०=पत्थर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथरण :
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पुं० [सं० प्रस्तरण, प्रा० पत्थरण] बिछौना। (राज०)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथ-राशि :
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पुं० [ष० त०] समुद्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथस् :
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पुं० [सं०√पा (पीना या रक्षा)+असुन्, थुक्] १. जल। २. अन्न। ३. आकाश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथस्पति :
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पुं० [सं० ष० त०] वरुण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथा :
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पुं० [सं० प्रस्थ] १. एक तौल जो कच्चे चार सेर की होती है। २. उतनी भूमि जितनी में उक्त मान का अन्न बोया जा सके। ३. अनाज नापने का एक प्रकार का बड़ा टोकरा। ४. हल की खोंपी जिसमें फाल जड़ा रहता है। पुं० [?] १. कोल्हू हाँकनेवाला व्यक्ति। २. अनाज में लगनेवाला एक प्रकार का कीड़ा। पुं० दे० ‘पाटा’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथी (थिस्) :
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पुं० [सं०√पा (पीना)+इसिन्, थुक्] १. समुद्र। २. आँख। ३. घाव पर का खुरंड या पपड़ी। ४. दूध, मट्ठे का वह मिश्रण जिससे प्राचीन काल में पितृ-तर्पण किया जाता था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथी :
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पुं० [हिं० पथ] पथिक। बटोही। मुहा०—पाथी होना=कहीं से चुपचार चल देना। चलते बनना। उदा०—साथी पाथी भये जाग अजहूँ निसि बीती।—दीन दयाल गिरि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथेय :
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वि० [सं० पथिन्+ढञ्—एय] पथ-संबंधी। पथ का। पुं० १. वे खाद्य पदार्थ जो यात्रा के समय यात्री रास्ते में खाने-पीने के लिए ले जाते हैं। रास्ते का भोजन। २. वह धन जो रास्ते के खर्च के लिए पास रखा जाता है। ३. वह साधन या सामग्री जिसकी आवश्यकता कोई काम करने के समय पड़ती हो और जिसमें उस काम में सहायता या सहारा मिलता हो। संवल। ४. कन्या राशि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथोज :
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पुं० [सं० पाथस्√जन् (उत्पन्न होना)+ड] कमल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथोव :
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पुं० [सं० पाथस√दा (देना)+क] बादल। मेघ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथोवर :
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पुं० [सं० पाथस्√धृ (धारण करना)+अच्] बादल। मेघ। |
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समानार्थी शब्द-
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पाथोधि :
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पुं० [सं० पाथस्√धा+कि] समुद्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथोन :
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पुं० [यू० पथेपनस] कन्या राशि। |
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समानार्थी शब्द-
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पाथोनिधि :
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पुं० [सं० पाथस्-निधि, ष० त०] समुद्र। |
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समानार्थी शब्द-
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पाथ्य :
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वि० [सं० पाथस्+डयन] १. आकाश में रहनेवाला। २. हृदयाकाश में रहनेवाला। ३. वायु या हवा में रहनेवाला। |
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पाथ :
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पुं० [सं०√पा (पीना, रक्षा)+थ] १. जल। २. सूर्य। ३. अग्नि। ४. अन्न। ५. आकाश। ६. वायु। पुं०=पथ (मार्ग)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पाथना :
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स० [सं० प्रथन या थापना का वर्ण-विपर्यय] १. गीली मिट्टी, ताजे गोबर आदि को थपथपाते हुए या साँचों में ढालकर छोटे छोटे पिंड बनाना। २. मारना-पीटना। |
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पाथ-नाथ :
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पुं० [ष० त०] समुद्र। |
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पाथ-निधि :
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पुं० [ष० त०] दे० ‘पाथौनिधि’। |
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पाथर :
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पुं०=पत्थर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पुं० [सं० प्रस्तरण, प्रा० पत्थरण] बिछौना। (राज०)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पुं० [ष० त०] समुद्र। |
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पुं० [सं०√पा (पीना या रक्षा)+असुन्, थुक्] १. जल। २. अन्न। ३. आकाश। |
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पाथस्पति :
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पुं० [सं० ष० त०] वरुण। |
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पाथा :
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पुं० [सं० प्रस्थ] १. एक तौल जो कच्चे चार सेर की होती है। २. उतनी भूमि जितनी में उक्त मान का अन्न बोया जा सके। ३. अनाज नापने का एक प्रकार का बड़ा टोकरा। ४. हल की खोंपी जिसमें फाल जड़ा रहता है। पुं० [?] १. कोल्हू हाँकनेवाला व्यक्ति। २. अनाज में लगनेवाला एक प्रकार का कीड़ा। पुं० दे० ‘पाटा’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पाथी (थिस्) :
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पुं० [सं०√पा (पीना)+इसिन्, थुक्] १. समुद्र। २. आँख। ३. घाव पर का खुरंड या पपड़ी। ४. दूध, मट्ठे का वह मिश्रण जिससे प्राचीन काल में पितृ-तर्पण किया जाता था। |
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पाथी :
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पुं० [हिं० पथ] पथिक। बटोही। मुहा०—पाथी होना=कहीं से चुपचार चल देना। चलते बनना। उदा०—साथी पाथी भये जाग अजहूँ निसि बीती।—दीन दयाल गिरि। |
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पाथेय :
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वि० [सं० पथिन्+ढञ्—एय] पथ-संबंधी। पथ का। पुं० १. वे खाद्य पदार्थ जो यात्रा के समय यात्री रास्ते में खाने-पीने के लिए ले जाते हैं। रास्ते का भोजन। २. वह धन जो रास्ते के खर्च के लिए पास रखा जाता है। ३. वह साधन या सामग्री जिसकी आवश्यकता कोई काम करने के समय पड़ती हो और जिसमें उस काम में सहायता या सहारा मिलता हो। संवल। ४. कन्या राशि। |
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पाथोज :
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पुं० [सं० पाथस्√जन् (उत्पन्न होना)+ड] कमल। |
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पाथोव :
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पुं० [सं० पाथस√दा (देना)+क] बादल। मेघ। |
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पाथोवर :
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पुं० [सं० पाथस्√धृ (धारण करना)+अच्] बादल। मेघ। |
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पाथोधि :
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पुं० [सं० पाथस्√धा+कि] समुद्र। |
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पाथोन :
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पुं० [यू० पथेपनस] कन्या राशि। |
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पाथोनिधि :
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पुं० [सं० पाथस्-निधि, ष० त०] समुद्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाथ्य :
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वि० [सं० पाथस्+डयन] १. आकाश में रहनेवाला। २. हृदयाकाश में रहनेवाला। ३. वायु या हवा में रहनेवाला। |
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