शब्द का अर्थ
|
बही :
|
स्त्री० [सं० बछ; हिं० बँधी ?] लंबी पुस्तिका के रूप में बनाई हुई कागजों की वह गड्डी जिस पर क्रम से नित्य प्रति का लेखा या हिसाब लिखा जाता हो। मुहा०—बही पर चढ़ाना या टाँकना=बही पर लिखना। दर्ज करना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)पुं० [सं० बहिः] घर से दूर का स्थान। (क्व०) स्त्री० [हिं० ‘बहा’ का स्त्री० अल्पा०] १. खेत सींचने के लिए बनाई हुई पानी की नानी। २. कुएँ से पानी खींचने की रस्सी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बही-खाता :
|
पुं० [हिं०] हिसाब-किताब की पुस्तकें, बहियाँ, खाते आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहीर :
|
स्त्री० [?] १. सेना के साथ साथ चलनेवाली भीड़ जिसमें साईस, सेवक, दुकानदार आदि रहते हैं। २. सैनिक सामग्री। स्त्री०=भीड़। अव्य०=बाहर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बहीरा :
|
पुं०=बहेड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |