शब्द का अर्थ
|
वरांग :
|
पुं० [सं० वर-अंग, कर्म० स०] १. शरीर का श्रेष्ठ अंग अर्थात् सिर। २. [ब० स०] विष्णु जिनके सभी अंग श्रेष्ठ है। ३. एक प्रकार का नक्षत्र वत्सर जो ३२४ दिनों का होता है। ४. [कर्म० स०] गुदा। ५. भग० योनि। ६. वृक्ष की शाखा। टहनी। ७. [ब० स०] दारचीनी। ८. हाथी। वि० सुंदर अंगोंवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरांगना :
|
स्त्री० [सं० वरा-अंगना, कर्म० स०]सुडौल अंगोंवाली सुन्दरी। सुन्दर स्त्री। स्त्री०=वारांगना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरांगी (गिन्) :
|
वि० [सं० वरागं+इनि, शुद्धरूप वरांग] [स्त्री० वरांगिनी] सुन्दर अंगों और शरीर वाला। पुं० १. हाथी। २. अमलबेत। स्त्री० [सं० वरांग+ङीष्] १. हल्दी। २. नागदंती। ३. मंजीठ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरा :
|
स्त्री० [सं०√वृ (चुनना आदि)+अच्-टाप्] १. चित्रकला। २. हलदी। ३. रेणुका नामक गन्ध द्रव्य। ४. गुड़च। ५. मेदा। ६. ब्राह्मी बूटी। ७. बिडंग। ८. सोमराजी। ९. पाठा। १॰. अड़हुल। जापा। ११. बैगंन। भंटा। १२ . सफेद अपराजिता। १३. शतमूली। १४. मदिरा। शराब। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराक :
|
पुं० [सं० वृ (अलग करना)+षाकन्] १. शिव। २. युद्ध। वि० १. शोचनीय। २. नीच। ३. अभाग्य। दीन-हीन। बेचारा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराट :
|
पुं० [सं० वर√अट् (जाना)+अण्] १. कौड़ी। २. रस्सी। ३. कमलगट्टे का बीज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराटक :
|
पुं० [सं० वराट+कन्] १. कौड़ी। २. रस्सी। ३. पद्यबीज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराटिका :
|
स्त्री० [सं० वराट+कन्, टाप्स, इत्व०] १. कौड़ी। २. तुच्छ। वस्तु। ३. नागकेसर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरानन :
|
वि० [सं० वर-आनन, ब० स०] [स्त्री० वरानगा] सुन्दर मुखवाला। पुं० सुन्दर मुख। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरान्न :
|
पुं० [सं० वर-अन्न, कर्म० स०] दला हुआ उत्तम अन्न। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरायन :
|
पुं० [सं० वर+आयन] १. विवाह से पहले होनेवाली एक रीति। २. वह गीत जो विवाह के समय वर-पक्ष की स्त्रियाँ गाती हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरारोह :
|
पुं० [सं० वर-आरोह, ब० स०] १. विष्णु। २. एक पक्षी। वि० श्रेष्ठ सवारीवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरार्ह :
|
वि० [सं० वर√अर्ह (योग्य होना)+अच्] १. जिसके संबंध में वर मिल सके। २. जो वर पाने के लिए उपयुक्त हो। ३. बहुमूल्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराल (क) :
|
पुं० [सं०वर√अल् (भूषण)+अण्,वराल+कन्=वरालक] लवंग। लौंग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरालिका :
|
स्त्री० [सं० वरा-आलिका, ब० स०] दुर्गा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरासत :
|
स्त्री० [अ० विरासत] १. वारिस होने की अवस्था या भाव। २. वारिस को उत्तराधिकार के रूप में मिलनेवाली सम्पत्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वरासन :
|
पुं० [सं० वर-आसन, कर्म० स०] १. श्रेष्ठ आसन। २. विशेषतः वह आसन जिस पर विवाह के समय वर बैठता है। ३. अड़हुल। ४. नपुंसक। ५. दरबान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह :
|
पुं० [सं० वर (=अभीष्ट)आ√हन् (खोदना)+ड] १. शूकर। सूअर। २. विष्णु के दस अवतारों में से एक जो शूकर के रूप में हुआ था। ३. एक प्राचीन पर्वत। ४. शिशुमार या सूस नामक जल-जंतु। ५. वाराही कन्द। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराहक :
|
पुं० [सं० वराह+कन्] १. हीरा। २. सूँस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-कर्णी :
|
स्त्री० [सं० ष० त० ङीष्] अश्वगंधा लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-कल्प :
|
पुं० [मध्य० स०] वह काल या कल्प जिसमें विष्णु ने वराह का अवतार लिया था। वाराहकल्प। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-क्रांता :
|
स्त्री० [सं० तृ० त०] १. वाराह कल्प। २. लजालू। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-पत्री :
|
स्त्री० [सं० ब० स० ङीष्] अश्वगंधा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-मिहिर :
|
पुं० [सं०] ज्योतिष के एक प्रसिद्ध आचार्य जो बृहत्संहिता पंचसिद्धांतिका और बृहज्जातक नामक ग्रन्थों के रचयिता थे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-मुक्ता :
|
स्त्री० [सं० मध्य० स०] एक प्रकार का कल्पित मोती जिसके संबंध में यह माना जाता है कि यह वराह या सूअर के सिर में रहता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-व्यूह :
|
पुं० [सं० मध्य० स० या उपमि० स०] एक प्रकार की सैनिक व्यूह-रचना जिसमें अगला भाग पतला और बीच का भाग चौड़ा रखा जाता था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-शिला :
|
स्त्री० [सं० मध्य० स०] एक विचित्र और पवित्र शिल्प जो हिमालय की एक चोटी पर है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराह-संहिता :
|
स्त्री० [सं० मध्य० स०] वराहमिहिर रचित ज्योति का बृहत्संहिता नाम का ग्रन्थ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराहिका :
|
स्त्री० [सं० वराह+कन्-टाप्,इत्व] कपिकच्छु। केवाँच। कौंच। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वराही :
|
स्त्री० [सं० वराह+ङीष्] १. वराह की मादा। शूकरी। सूअरी। २. [वराह+अच्+ङीष्] वाराही कंद। ३. नागर मोथा। ४. असगंध। ५. गौरैया की तरह का काले रंग का एक पक्षी। ६. दे्० ‘वाराही’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |