शब्द का अर्थ
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शूर :
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पुं० [सं०√शूर्+अच्] [भाव० सूरता, शौर्य] १. वीर। बहादुर। २. योद्धा। सूरमा। ३. वह जो किसी काम या बात में औरों से बहुत बढ़-चढ़कर हो। जैसे—दान-शूर, शब्दसूर आदि। ४. सूर्य। ५. सिंह। शेर। ६. सूअर। ७. चीता। ८. साखू नाम का पेड़। ९. बड़हर। १॰. मयूर। ११. चित्रक या चीता नामक वृक्ष। १२. आक। मदार। १३. श्रीकृष्ण के पितामह का नाम। १४. जैन हरिवंश के अनुसार उत्तर दिशा के एक देश का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
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शूरण :
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पुं० [सं०√शूर (हिंसा करना)+ल्यु—अनृ] १. सूरन। ओल। २. शूर का धर्म। |
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शूरता :
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स्त्री० [सं०√शूर+तल्-टाप्] १. शूर होने की अवस्था या भाव। २. शूर का धर्म। |
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शूरताई :
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स्त्री०=शूरता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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शूरत्व :
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पुं०=शूरता। |
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शूरन :
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पुं०=सूरन (जमीकंद)। |
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शूरमन्य :
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वि० [सं० शूर√मन्य (मानना)+खच्-मुम्] अपनी बहादुरी के किस्से बढ़ा-चढ़ाकर सुनानेवाला। |
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शूर-मानी (निन्) :
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पुं० [सं० शूर√मन् (मानना)+णिनि] वह जिसे अपनी शूरता या वीरता का अभिमान हो। |
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शूरवीर :
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पुं० [सं० सप्त० त० स० कर्म० स० वा] [भाव० शूरवीरता] बहुत बड़ा वीर। वीर-शिरोमणि। |
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शूरसेन :
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पुं० [सं० ब० स०] १. मथुरा के एक प्रसिद्ध राजा जो कृष्ण के पितामह और वसुदेव के पिता थे। २. मथुरा और उसके आस-पास क्षेत्र का नाम। |
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शूर-सेनप :
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पुं० [सं० शूर-सेना√पा (पालना)+क] वीर सेना के रक्षक, कार्तिकेय। |
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शूरा :
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स्त्री० [सं० शूर-टाप्] क्षीरकाकोली। पुं०=शूर। पुं०=सूर्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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शूर्प :
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पुं० [सं०√शूर्प (परिमाण)+घञ्] १. अनाज फटकने का सूप। २. दो द्रोण का एक प्राचीन परिमाण। |
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शूर्पक :
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पुं० [सं० शूर्प+कन्] एक असुर जो किसी के मत से कामदेव का शत्रु था। |
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शूर्पकर्ण :
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वि० [सं० ब० स०] जिसके सूप के समान कान हों। पुं० १. हाथी। २. गणेश। ३. एक प्राचीन देश। ४. उक्त देश का निवासी। ५. एक पौराणिक पर्वत। |
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शूर्पकारि :
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पुं० [सं० ष० त० स०] शूर्पक का शत्रु अर्थात् कामदेव। |
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शूर्पणखा :
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वि० [सं० ब० स०] (स्त्री) जिसके नख सूप के समान हों। स्त्री० रावण की बहन। |
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शूर्पनखा :
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स्त्री०=सूर्पणखा। |
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शूर्प-श्रुति :
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पुं० [सं० ब० स०] शूर्पकर्ण। |
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शूर्पाद्रि :
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पुं० [सं० मध्यम० स०] दक्षिण भारत का एक पर्वत। |
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शूर्पारक :
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पुं० [सं०] बंबई प्रांत के थाना जिले के सोयारा नामक स्थान का प्राचीन नाम। |
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शूर्पी :
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स्त्री० [सं० सूर्प-ङीष्] १. छोटा सूप। २. शूर्पणखा। ३. एक प्रकार का खिलौना। |
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शूर्म :
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पुं० [सं० ब० स० अच्] [स्त्री० शूर्मि] १. लोहे की बनी हुई मूर्ति। २. निहाई। |
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