शब्द का अर्थ
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सोमप :
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वि० [सं०] १. सोम—रस पीने वाला। २. जिसने यज्ञ में सोमरस का पान किया हो। पुं० १. वह जिसने सोम यज्ञ किया हो, अथवा जो सोम यज्ञ करता हो। सोमायजी। २. विश्वेदेवों मे से एक का नाम। ३. एक प्राचीन ऋषी वंश। ४. पितरों का वर्ग। ५. कार्तिकेय का एक अनुचर। ६. एक पौराणिक जनपद। |
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समानार्थी शब्द-
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सोमपति :
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पुं० [सं०] इंद्र का एक नाम। |
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सोमपत्र :
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पुं० [सं०] कुश की तरह की एक घास। डाभ। दर्भ। |
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सोमपद :
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पुं० [सं०] १. एक लोक। (हरिवंश) २. महाभारत काल का एक तीर्थ। |
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सोमपा :
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वि० , पुं० =सोमप। |
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सोमपायी (यिन्) :
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वि० [सं०] [स्त्री० सोमपायिनी] सोम रस पीनेवाला। |
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सोमपाल :
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पुं० [सं०] सोम के रक्षक, गन्धर्व लोग। |
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सोमपेय :
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पुं० [सं०] १. एक प्रकार का यज्ञ जिसमें सोमपान किया जाता था। २. सोमपान। |
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