मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण उपयोगी हिंदी व्याकरणभारतीय साहित्य संग्रह
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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
वाक्य संश्लेषण की प्रक्रिया
(क) विशेषण बना कर: पाठ 8... में विशेषण के भेदों को समझाया गया है;
उन्हें दोहरा लें। गुणात्मक विशेषण (काला, नया), संख्यात्मक विशेषण (दो),
क्रिया मूलक विशेषण (नेकर पहने) के उदाहरण ऊपर आए हैं। वाक्यों को जोड़ने में
क्रिया मूलक विशेषणों का बहुत महत्त्व है, क्योंकि सरल वाक्यों के समापिका
क्रिया-रूप ही कृदन्ती बनकर विशेषण बनाते हैं। ये कृदन्ती असमापिका रूप हैं –
वर्तमान कृदन्त | (-ता, - ती, -ते) |
पूर्ण कृदन्त | (-आ, -ई, -ए) |
कर्तृ कृदन्ती | (ने वाला) |
अन्य कृदन्त | (खिलाड़ी, पियक्कड़ आदि) |
चिड़िया आकाश में उड़ रही है + चिड़िया कितनी सुंदर है → आकाश में उड़ती हुई
चिड़िया कितनी सुंदर है।
वह लड़का बहुत थक गया है + लड़का अब पेड़ के नीचे बैठा है → वह बहुत थका हुआ
लड़का अब पेड़ के नीचे बैठा है।
यह लड़का मैदान में रोज खेला करता था + वह लड़का आज नहीं आया → मैदान में
रोज खेलने वाला लड़का आज नहीं आया।
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