मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण उपयोगी हिंदी व्याकरणभारतीय साहित्य संग्रह
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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
वाक्य-संश्लेषण
किसी दृश्य या घटना आदि को संप्रेषित करते समय मन में विचार छोटे-छोटे सरल
वाक्यों में आते हैं, किंतु अभिव्यक्ति की प्रकिया में ये कभी सरल वाक्य
(व्याकरणिक दृष्टि से) कभी संयुक्त वाक्य और कभी मिश्र वाक्य में तैयार होते
हैं। जितना ही भाषा प्रयोग पर अधिकार बढ़ता जाता है, उतना ही वाक्य संश्लेषण
द्वारा जटिल और जटिलतर वाक्य बनाने में व्यक्ति सफल होता जाता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आप अपने सामने के बड़े मैदान में कुछ लड़कों को काले
नेकर पहने खेलते हुए देख रहे हैं। आप इसकी अभिव्यक्ति करना चाहते हैं।
छोटे-छोटे सरल वाक्य, मान लीजिए, आठ है जो नीचे दिए जा रहे हैं। --
1. सामने एक मैदान है। (केवल पृष्ठभूमि
स्थान की)
2. मैदान बड़ा है। (मैदान की विशेषता)
3. मैदान में लड़के खेल रहे हैं। (खेलने की क्रिया, खेलने
वाले लड़के, स्थान मैदान)
4. लड़के गेंद खेल रहे हैं। (खेलने की
क्रिया, कर्ता लड़के, कर्म गेंद)
5. लड़के संख्या में दो हैं। (लड़कों
की संख्यात्मक विशेषता)
6. लड़के नेकर पहने हैं। (लड़कों की
गुणात्मक विशेषता)
7. नेकर का रंग काला है। (नेकर की
गुणात्मक विशेषता)
8. गेंद बिल्कुल नया है। (गेंद की
गुणात्मक विशेषता)
विशेषता द्योतक शब्दों को विशेषण बनाकर तथा विशेष्य के पूर्व लगाकर तथा
क्रिया के साथ कर्ता, कर्म, क्रियाविशेषण आदि संबद्ध कर वाक्य संश्लेषण
प्रक्रिया से इन आठ सरल वाक्यों के स्थान पर एक बड़ा वाक्य बन जाता है:
सामने वाले बड़े मैदान में काले नेकर पहने दो लड़के नया गेंद खेल रहे
हैं।
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