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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
अध्याय 16
विराम चिह्न
हम बातचीत के समय बीच-बीच में दूसरों को अपनी बात समझाने के लिए या किसी
कथन पर बल देने के लिए रुकते हैं। इससे कथन का आशय स्पष्ट करने के लिए सहायता
मिलती है। भाषा के लिखित रूप में भी रुकने अथवा विराम के लिए कुछ
संकेत-चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन्हीं चिह्नों को “विराम चिह्न” कहते
हैं। इन चिह्नों के प्रयोग से भाषा की अभिव्यक्ति में स्पष्टता आती है और वही
कथन प्रभावपूर्ण बन जाता है। उच्चारण की सुविधा की दृष्टि से भी विराम चिह्न
आवश्यक हैं। इनका प्रयोग सही बलाघात और अनुतान में भी सहायता करता है। इन
चिह्नों से पदों, पदबंधों, वाक्यांशों, वाक्यों में परस्पर उपयुक्त संबंध
स्थापित होता है।
प्रमुख विराम-चिह्नों के रूप –
1. पूर्ण विराम (।)
2. अर्द्ध विराम (;)
3. अल्प विराम (,)
4. प्रश्नसूचक (?)
5. विस्मयसूचक/संबोध (!)
6. योजक या विभाजक (-)
7. निर्देशक (डैश) (-)
8. अवतरण या उद्धरण चिह्न (“ ”)
9. विवरण चिह्न (:-)
10. कोष्ठक [()]
11. हंसपद या त्रुटिपूरक (^)(<)(/)
12. संक्षेपसूचक (लाघव चिह्न) (0)
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