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उपयोगी हिंदी व्याकरण

भारतीय साहित्य संग्रह

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :400
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 12546
आईएसबीएन :1234567890

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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक

2. अर्द्ध विराम (;)

पूर्ण विराम से कम देर ठहरने के लिए अर्द्ध विराम का प्रयोग होता है। इसका प्रयोग कुछ सीमित स्थितियों में ही होता है; जैसे –

1. किसी नियम के बाद में आने वाले उदाहरणसूचक “जैसे”, शब्द के पूर्व, जैसे स्त्रियों के नाम के साथ बहुधा “देवी” शब्द आता है;

जैसे – सरला देवी

2. समानाधिकार वाक्यों के बीच में, जैसे –

भारत में राजनीतिक स्वतंत्रता का शंख महात्मा गाँधी जी ने फूँका; अहिंसा और असहयोग के अस्त्र उन्होंने ही दिए; देश को स्वतंत्र उन्होंने ही कराया।

3. मिश्र तथा संयुक्त वाक्य में विपरीत अर्थ प्रकट करने या विरोध पूर्ण कथन प्रकट करने वाले उपवाक्यों के बीच में; जैसे –

जो गालियाँ देते हैं; वह उन्हें अपना प्यार देता है।
गांधी जी नहीं रहे; वह तो अमर हो गये।

4. कारणवाचक क्रिया विशेषण – उपवाक्य का जब मुख्य उपवाक्य से निकट संबंध नहीं रहता, तब उसके मध्य में; जैसे –

वायु के दबाव से साबुन का एक बुलबुला भी नहीं दब सकता; क्योंकि बाहरी हवा का दबाव भीतरी हवा के दबाव से कट जाता है।

5. विभिन्न उपवाक्यों पर अधिक जोर देने के लिए –

निरंतर काम करते रहना ही जीवन है; आलस्य घातक रोग है।

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