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उपयोगी हिंदी व्याकरण

भारतीय साहित्य संग्रह

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :400
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 12546
आईएसबीएन :1234567890

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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक

3. अल्प विराम (,)


अल्प विराम का प्रयोग वाक्य के मध्य में अर्द्ध विराम से कम समय रुकने के लिए होता है। अल्प विराम चिह्न का प्रयोग अधिक होता है। इसका निम्नलिखित स्थानों पर प्रयोग किया जाता है:

1. वाक्य में समानपदी शब्दों को पृथक् करने के लिए; जैसे –

देवदत्त अपनी भूमि, संपत्ति, प्रतिष्ठा और मान मर्यादा सभी कुछ खो बैठा।

नोट: अंतिम शब्द से पहले अल्पविराम न लगाकर और का प्रयोग किया जाता है। कहानी में भाषा, शैली और शिल्प की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

2. हाँ या नहीं के पश्चात्; जैसे –

हाँ, फोड़ सकता हूँ। अणु, क्या है जो इतनी शक्ति छिपाए रहता है।
नहीं, मैं ऐसा कदापि नहीं कर सकता।

3. मध्य में, किसी वाक्यांश/उपवाक्य को अलग करने के लिए –
विज्ञान का पाठ्यक्रम बदल जाने से, मैं समझता हूँ, इस वर्ष हाईस्कूल का परीक्षाफल अच्छा नहीं रहेगा।

4. उपाधियों को अलग करने के लिए –
एम.ए., पी.एच. डी., डी. लिट्.।

5. उद्धरण के पूर्व –
मोहन ने कहा, “अब मै राजनीति से दूर जा रहा हूँ।”

6. एक ही शब्द/वाक्यांश की पुनरावृत्ति होने पर –
दौड़ो, दौड़ो, बम फट गया।
इधर नहीं, उधर नहीं, सब यहाँ आकर बैठें।

7. कभी-कभी, तब, वह, तो आदि के स्थान पर –
तब, जब हम स्टेशन पहुँचे, पानी तेज हो गया।
वह, जो नोट मंत्री जी को भेजा है, कहाँ है?
तो, जब हमको देर हो गई, हम वहीं रुक गए।

8. वाक्य में प्रयुक्त शब्द जोड़ों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए –
दुख और सुख, पाप और पुण्य, रात और दिन
सब – ईश्वर की देन है।

9. समानाधिकरण शब्द/पदबंध उपवाक्य के बीच में –
राधेलाल जी के पुत्र, जगमल जी पधारे हैं।
सबेरा हुआ, सूरज निकला, पक्षी चहचहाने लगे।

10. जब विशेषण उपवाक्य मध्य में डाल दिया जाए –
वह रोगी, जिसे कल डाक्टर ने देखा था, आज दिल्ली से चला गया।

11. संबोधन शब्द के बाद और यदि संबोधन शब्द मध्य में हो तो उसके पूर्व तथा बाद में –
यहाँ आओ, रमा, मेरे पास बैठ जाओ।
भाइयो, मैं आपका पूरा-पूरा भला चाहता हूँ।

12. पत्र में अभिवादन, समापन के अतिरिक्त पता लिखने में –
अभिवादन में पूज्य पिताजी, भवदीय.

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