मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण उपयोगी हिंदी व्याकरणभारतीय साहित्य संग्रह
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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
(3) संज्ञा से विशेषण
(क) गुणवाचक (इनसे उस गुण/धर्म को रखने वाले का बोध होता है)
ई :
गुलाब > गुलाबी,
ऊन > ऊनी
ईला :
रस > रसीला,
जहर > जहरीला,
बर्फ > बर्फीला
ईन :
नमक > नमकीन,
रंग > रंगीन,
शौक > शौकीन
आ :
भूख > भूखा,
प्यास > प्यासा
(ख) स्थानवाचक (उस स्थान से संबंद्ध व्यक्ति / वस्तु)
ई :
बंगाल > बंगाली,
जापान > जापानी,
लखनऊ > लखनवी
इया :
कलकत्ता > कलकतिया,
बंबई > बंबइया
ऊ :
बाजार > बाजारू
एलू :
घर > घरेलू
(ग) रिश्तानाता बोधक (उस रिश्ते से संबंधित व्यक्ति)
एरा : चचेरा, ममेरा, मौसेरा, फुफेरा
(घ) संबंधवाचक (उस व्यक्ति/ वस्तु से संबंधित)
इक :
धर्म > धार्मिक,
नीति > नैतिक,
पुराण > पौराणिक
अ :
शिव > शैव,
शक्ति > शाक्त,
बुद्ध > बौद्ध
आना :
साल > सालाना,
रोज > रोजाना,
मर्द > मर्दाना
(4) क्रियाविशेषण से विशेषण
जैसे —
ला : अगला, पिछला, निचला, मझला
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