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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
अध्याय 9
विशेषण
लाल कपड़ा, काली गाय, मोटा लड़का, ऊँचा मकान आदि रचनाओं पर ध्यान
दें। लाल कपड़ा में लाल शब्द कपड़े की एक विशेषता लाल
रंग बताता है, अथवा मोटा लड़का में मोटा शब्द लड़के की
एक विशेषता मुटापा बताता है, ऊँचा मकान में ऊँचा
शब्द मकान की एक विशेषता ऊँचाई बताता है। व्याकरण में इन लाल,काली,
मोटा, ऊँचा आदि शब्दों को इन रचनाओं में विशेषण कहा जाता है। विशेषण वह शब्द
भेद है जो संज्ञा (अथवा) सर्वनाम) की विशेषता बताता है। विशेषण जिस
संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर की
रचनाओँ में कपड़ा, गाय, लड़का, मकान आदि विशेष्य हैं।
विशेषणों के भेद
हिंदी विशेषणों के सामान्यता चार भेद माने गए हैं –
1. गुणवाचक विशेषण
2. परिमाणवाचक विशेषण
3. संख्यावाचक विशेषण
4. सार्वनामिक विशेषण
1. गुणवाचक विशेषण
गुणवाचक विशेषण वह विशेषण होता है, जो विशेष्य. के गुण, रूप, रंग, आकार,
स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील-स्वभाव आदि से संबंद्ध विशेषता का बोध कराता
है। विशेष्य के साथ कैसा /कैसी / कैसे लगे प्रश्न के उत्तर के रूप
में यह विशेषण मिल जाता है। जैसे –कैसा कपड़ा? लाल कपड़ा।
गुणवाचक के उदाहरण हैं — (गुणवाची) भला, बुरा, उचित, पवित्र आदि
(रूप-रंगवाची), उजला, मैला, लाल, पीला आदि (आकार वाची), गोल, चौकोर, लंबा,
चौड़ा आदि (दशा, अवस्था वाची), बलवान, रोगी, कमजोर, पतला, गाढ़ा आदि
(स्थान-काल वाची), भीतरी-बाहरी, पंजाबी, जापानी, पुराना, ताजा, टिकाऊ, आगामी,
बासी, (अन्य), मुलायम, चिकना, मीठा-नमकीन, भारी-हलका, गर्म-ठंडा, वीर-कायर,
पालतू, जंगली आदि।
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