मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण उपयोगी हिंदी व्याकरणभारतीय साहित्य संग्रह
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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
विशेषणों का तुलना में प्रयोग
विशेषण विशेष्य की विशेषता बताता है और वह विशेषता गुण, परिमाण अथवा संख्या
की दृष्टि से होती है। दो या अनेक व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं आदि में
बिल्कुल एक से गुण आदि हों ऐसा कम होता है और विशेषण तुलना की अभिव्यक्ति में
भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं:
तुलना-अवस्था तीन प्रकार की हो सकती हैं:
(1) मूलावस्था:“जब एक ही व्यक्ति, प्राणी आदि की विशेषता तो प्रकट
की जा रही है, किंतु उसकी विशेषता का सामान्य, अर्थात् तुलनाहीन, कथन मात्र
होता है। जैसे —
यह आम बहुत मीठा है।
मोहन पढ़ने में बहुत निपुण है।
(2) उत्तरावस्था: यहाँ दो व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं आदि की
विशेषता की तुलना की जाती है और दो विशेष्य होते हैं। जिस विशेष्य से तुलना
करते हैं, उसके बाद से, से बढ़कर, से घटकर, की अपेक्षा, की बनिस्बत, की तुलना
में, के मुकाबले, से अधिक, से कम आदि आते हैं। यहाँ विशेषण अपनी उत्तरावस्था
में होता है। उदाहरणार्थ:
मेरी मेज तुम्हारी मेज से काफी बड़ी है।
मोहन श्या से अधिक बलवान है।
मोहन श्याम से बढ़कर बलवान है।
मोहन श्याम की अपेक्षा /अधिक बलवान है।
मोहन श्याम की तुलना में (अधिक) बलवान है।
(3) उत्तमावस्था: यहाँ दो से अधिक व्यक्तियों की विशेषता की
तुलना की जाती है अथवा समूह में किसके पास सबसे अधिक विशेषता है, इसका
निर्धारण किया जाता है। यहाँ सब से अधिक, सर्वाधिक, सभी में, सभी से, इन
सब में, “समूहवाची शब्द के बाद” में से आदि लगता है। यहाँ
विशेषण अपनी उत्तमावस्था में होता है। उदाहरणार्थ:
मोहन कक्षा के सभी बच्चों से बलवान है।
मोहन कक्षा में सबसे अधिक बलवान है।
मोहन कक्षा के बच्चों में सर्वाधिक बलवान है।
तुलना प्रत्यय
संस्कृत में विशेषण की उत्तरावस्था अथवा उत्तमावस्था बताने के लिए प्रत्यय भी
हैं, जो विशेषण के बाद लगते हैं। मुख्य प्रत्यय — तर (उत्तर) और — (उत्तम)
हैं। कभी-कभी – ईयस् (श्रेयांस्) तथा – इष्ठ (श्रेष्ठ) भी लगते हैं। हिंदी
में बहुधा प्रचलित कुछ संस्कृत तत्सम शब्द उदाहरणार्थ दिए जा रहे हैं —
शब्द (मूलावस्था) | तुलना भाव का द्योतन (उत्तरावस्था) | सर्वोत्तमता का द्योतन (उत्तमावस्था) |
लघु/दीर्घ | लघुतर/दीर्घतर | लघुतम/दीर्घतम |
निम्न उच्च | निम्नतर उच्चतर | निम्नतम उच्चतम |
निकट समीप | निकटतर समीपतर | निकटतम समीपतम |
महान् | महत्तर | महत्तम |
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
बलवान् (आदि) | बलिष्ठ, ज्येष्ठ, कनिष्ठ, वरिष्ठ आदि। |
संस्कृत में श्रेष्ठ सर्वोत्तमता का द्योतन करता है, किंतु हिदी में
श्रेष्ठतम का (कभी-कभी श्रेष्ठतर का) प्रयोग भी बहुलता से मिलता है। फारसी
तुलनापरक शब्द भी हिंदी की उर्दू शैली में मिलते हैं, जैसे —
अच्छा-बेहतर-बेहतरीन; बद-बदतर आदि।
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