आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
अंतरध्वान्तनाशिनी
संसार के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और धार्मिक क्षेत्रों में अनेक ध्वांतियाँ और भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। इसके कारण आए दिन नानाविध अनाचार और संघर्ष होते रहे हैं। इन्हीं के कारण लोग दिग्भ्रांत होकर अपने लिए हितकर सरल मार्ग को भूल जाते हैं और उलटी दिशा में चलकर उत्थान के स्थान पर पतन का और सुख के स्थान पर दु:ख का वरण करते हैं। जैसे संसार में अनेक ध्वनियाँ और भ्रांतियाँ हैं वैसे ही मनुष्य के अंत:करण में भी जीवनोद्देश्य के संबंध में भारी अंधकार एवं भ्रम भरा होता है। लोग न तो जीवन के सही लक्ष्य को समझ पाते हैं और न इसको प्राप्त करने में संलग्न होते हैं। इस अतिरिक्त विपन्नता को गायत्री दूर करती हैं। अंधकार को हटाकर प्रकाश उत्पन्न करना तथा उलझनों को सही रूप से सुलझाना गायत्री शक्ति का प्रधान कार्य है।
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