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आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ

गायत्री की असंख्य शक्तियाँ

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15484
आईएसबीएन :00000

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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन

चतुर्भुजी


चार भुजाओं वाली। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष यह चार भुजाएँ गायत्री की हैं। चारों वेद भी गायत्री की चार भुजाएँ हैं। चारों दिशाओं में यह चार भुजाएँ फैली हुई हैं। इनमें से एक भी वरदहस्त साधक के मस्तक पर पड़ जाए तो वह उसी संपदा का हितकारी होकर धन्य बन जाता है। जिसके ऊपर माता के चारों हाथों से स्नेहसिंचन हो जाता है, वह जीवन मुक्त ही है। उसे समस्त दैवी ऐश्वर्य का अधिपति ही मानना चाहिए।

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