उपन्यास >> गोदान’ (उपन्यास) गोदान’ (उपन्यास)प्रेमचन्द
|
54 पाठक हैं |
‘गोदान’ प्रेमचन्द का सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपन्यास है। इसमें ग्रामीण समाज के अतिरिक्त नगरों के समाज और उनकी समस्याओं का उन्होंने बहुत मार्मिक चित्रण किया है।
खुर्शेद ने टीका की–यह तो शायरों की-सी दलीलें हैं। मादा बाज भी उसी तरह शिकार करती है, जैसे, नर बाज।
ओंकारनाथ प्रसन्न हो गये–उस पर आप फिलॉसफर बनते हैं, इसी तर्क के बल पर!
खन्ना ने दिल का गुबार निकाला–फिलॉसफर की दुम हैं। फिलॉसफर वह है, जो...ओंकारनाथ ने बात पूरी की–जो सत्य से जौ-भर भी न टले।
खन्ना को यह समस्या पूर्ति नहीं रुची–मैं सत्य-वत्य नहीं जानता। मैं तो फिलॉसफर उसे कहता हूँ, जो फिलॉसफर हो सच्चा!
खुर्शेद ने दाद दी–फिलॉसफर की आपने कितनी सच्ची तारीफ की है। वाह सुभानल्ला! फिलॉसफर वह है, जो फिलॉसफर हो। क्यों न हो!
मेहता आगे चले–मैं नहीं कहता, देवियों को विद्या की जरूरत नहीं है। है और पुरुषों से अधिक। मैं नहीं कहता, देवियों को शक्ति की जरूरत नहीं है। है और पुरुषों से अधिक; लेकिन वह विद्या और वह शक्ति नहीं, जिससे पुरुष ने संसार को हिंसाक्षेत्र बना डाला है। अगर वही विद्या और वही शक्ति आप भी ले लेंगी, तो संसार मरुस्थल हो जायगा। आपकी विद्या और आपका अधिकार हिंसा और विध्वंस में नहीं, सृष्टि और पालन में है। क्या आप समझती हैं, वोटों से मानव-जाति का उद्धार होगा, या दफ़्तरों में और अदालतों में जबान और कलम चलाने से? इन नकली, अप्राकृतिक, विनाशकारी अधिकारों के लिए आप वह अधिकार छोड़ देना चाहती हैं, जो आपको प्रकृति ने दिये हैं?
सरोज अब तक बड़ी बहन के अदब से जब्त किये बैठी थी। अब न रहा गया। पुकार उठी–हमें वोट चाहिए, पुरुषों के बराबर।
और कई युवतियों ने हाँक लगायी–वोट! वोट!
ओंकारनाथ ने खड़े होकर ऊँचे स्वर से कहा–नारीजाति के विरोधियों की पगड़ी नीची हो। मालती ने मेज पर हाथ पटककर कहा–शान्त रहो, जो लोग पक्ष या विपक्ष में कुछ कहना चाहेंगे, उन्हें पूरा अवसर दिया जायगा।
मेहता बोले–वोट नये युग का मायाजाल है, मरीचिका है, कलंक है, धोखा है; उसके चक्कर में पड़कर आप न इधर की होंगी, न उधर की। कौन कहता है कि आपका क्षेत्र संकुचित है और उसमें आपको अभिव्यिक्त का अवकाश नहीं मिलता। हम सभी पहले मनुष्य हैं, पीछे और कुछ। हमारा जीवन हमारा घर है। वहीं हमारी सृष्टि होती है वहीं हमारा पालन होता है, वहीं जीवन के सारे व्यापार होते हैं; अगर वह क्षेत्र परिमित है, तो अपरिमित कौन-सा क्षेत्र है? क्या वह संघर्ष, जहाँ संगठित अपहरण है? जिस कारखाने में मनुष्य और उसका भाग्य बनता है, उसे छोड़कर आप उन कारखानों में जाना चाहती हैं, जहाँ मनुष्य पीसा जाता है, जहाँ उसका रक्त निकाला जाता है?
|