उपन्यास >> सेवासदन (उपन्यास) सेवासदन (उपन्यास)प्रेमचन्द
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यह उपन्यास घनघोर दानवता के बीच कहीं मानवता का अनुसंधान करता है
विट्ठलदास मन में तिलमिलाकर रह गए। अभी सेठों ही का रोना था कि एक और बला आ पड़ी। जी में तो आया कि दोनों को दुत्कार दूं, पर धैर्य से काम लिया।
अबुलवफा ने कहा– आदाब अर्ज है, बंदानवाज। आज कुछ तबीयत परेशान है क्या? वल्लाह आपका ईसार देखकर रूह को सुरूर हो जाता है खुशनसीब है कौम, जिसमें आप जैसे खादिम मौजूद हैं। एक हमारी खुदगरज, खुशनुमा कौम है, जिसे इन बातों का एहसास ही नहीं। जो लोग बड़े नेकनाम हैं, वह भी गरज से पाक नहीं, क्यों मुंशी अब्दुललतीफ साहब?
अब्दुललतीफ—जनाब, हमारी कौम की कुछ न कहिए! खुदगरज, खुदफरोश, खुदमतलब, कजफहम, कजरौ, कजर्बी जो कुछ कहिए, थोड़ा है। बड़ों-बड़ों को देखिए, रंगे हुए सियार हैं, रिया का जामा पहने हुए। आपको जात मसदरे बरकात है। ऐसा मालूम होता है कि खुदाताला ने मलायक में से इंतखाब करके आपको इस खुशनसीब कौम पर नाजिल किया है।
अबुलवफा– आपकी पाकनफसी दिलों में खामख्वाह असर डालती है। क्यों आपके यहां सोजनकारी और बेलबूटे के काम तो होते ही होंगे? मेरे एक दोस्त ने सोजनकारी की कई दर्जन चादरों की फरमाइश लिख भेजी है। हालांकि शहर में कई जगह यह काम होता है, लेकिन मैंने यह खयाल किया कि आश्रम को प्राइवेट काम करने वालों पर तरजीह होनी चाहिए। आपके यहां नमूने मौजूद हों, तो दिखाने की तकलीफ कीजिए।
विट्ठलदास– मेरे यहां ये सब काम नहीं होते।
अबुलवफा– मगर होने की जरूरत है। आप दरियाफ्त कीजिए, कुछ मस्तूरात जरूर यह काम जानती होंगी। हमें ऐसी कोई उजलत नहीं है, फिर हाजिर होंगे। एक, दो, चार, दस बार आने में हमको इंकार नहीं है। आप अपना सब कुछ निसार कर रहे हैं, तो क्या मुझसे इतना भी न होगा? मैं इन मुआमलों में कौमी तफरीक मुनासिब नहीं समझता।
विट्ठलदास– मैं इस मेहरबानी के लिए आपका मशकूर हूं। लेकिन कमेटी ने यह फैसला कर दिया है कि यहां इस किस्म का कोई काम न कराया जाए। इस वजह से मजबूर हूं।
यह कहकर विट्ठलदास उठ खड़े हुए। अब दोनों सज्जनों को लौट जाने के सिवा और कोई उपाय न सूझा। मन में विट्ठलदास को गालियां देते हुए फिटन में सवार हो गए।
लेकिन अभी फिटन की आवाज कान में आ रही थी कि सेठ चिम्मनलाल की मोटरकार आ पहुंची। सेठजी शान से उतरे। विट्ठलदास से हाथ मिलाया और बोले– क्यों बाबू साहब! नाटक के विषय में आपने क्या राय की? शकुंतला नाटक भर्थरी का सबसे उत्तम ग्रंथ है। इसे अंग्रेज बहुत पसंद करते हैं। जरूर खेलिए। कुछ पार्ट याद कराए हों, तो मैं भी सुनूं।
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