कविता संग्रह >> अंतस का संगीत अंतस का संगीतअंसार कम्बरी
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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ
कारगिल
युद्ध पर
कश्मीर हमारा है
पहले भी नहीं था न कभी होगा तुम्हारा
कश्मीर हमारा है, ये कश्मीर हमारा
सदियों से रहा है ये हमारा अभिन्न अंग
हमने इसे सँवारा है देकर लहू का रंग
अब भूल के भी करना नहीं हमसे कभी जंग
पल भर में बिगड़ जायेगा भूगोल-तुम्हारा
कश्मीर हमारा है, ये कश्मीर हमारा
कुदरत ने हमें दी है जो सौगात यहीं है
है हजरते - बल नूर की बरसात यहीं है
श्रद्धा का धाम तीर्थ अमरनाथ यहीं है
गंगा से कम नहीं है ये झेलम का किनारा
कश्मीर हमारा है, ये कश्मीर हमारा
तुम पाक-साफ थे तो क्यों भागे इधर-उधर
तुमने तमाम देशों का क्यों तय किया सफर
रह जाओगे भटकते ही दुनिया में दर-बदर
झूठों को कभी देता नहीं कोई सहारा
कश्मीर हमारा है, ये कश्मीर हमारा
ये कारगिल की जंग हुई इसलिए सफल
हम थे अटल हमारे इरादे भी थे अटल
मक्कारियों को छोड़ दे अब ज़हनियत बदल
घुसपैठ की गलती कभी करना न दुबारा
कश्मीर हमारा है, ये कश्मीर हमारा
है देश को भरोसा है सरहद को इत्मेनान
कम होने नहीं देंगे कभी आन-बान-शान
जाँ अपनी लुटाने के लिये चल पड़े जवान
केसर की घाटियों ने इन्हें जब भी पुकारा
कश्मीर हमारा है, ये कश्मीर हमारा
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