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धर्म एवं दर्शन >> अमृत द्वार

अमृत द्वार

ओशो

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :266
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9546
आईएसबीएन :9781613014509

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ओशो की प्रेरणात्मक कहानियाँ

जैनों में एक तीर्थंकर हुए मल्लीनाथ। मल्लीनाथ के बाबत अभी तक यही तय नहीं हो पाया है कि वह स्त्री थे कि पुरुष थे। श्वेतांबर कहते थे, उनका नाम था मल्लीबाई, और दिगंबर कहते हैं, उनका नाम था मल्लीनाथ। हद मजा है। और आप यह तय कर रहे हैं कि उनका उपदेश क्या था, और उन्होंने क्या कहा। अभी यही तय करना मुश्किल है कि यह स्त्री थे कि पुरुष थे।

आदमी थोपता है दूसरे के ऊपर कि उसका क्या मतलब है। गीता की एक हजार टीकाएं लिखी गयी हैं। या तो कृष्ण का दिमाग खराब रहा होगा अगर उनकी एक ही बात में एक हजार मतलब हो। और या फिर टीकाकारों का दिमाग खराब रहा हो। कृष्ण ने तो वही कहा है जो कहा है, लेकिन यह कौन तय करे कि उन्होंने क्या कहा है? मैं एक तरह से तय करता हूँ, आप दूसरी तरह से तय करते हैं। तीसरा आदमी तीसरी तरह से तय करता है। एक ही बात के हजार अर्थ हो सकते हैं।

लेकिन इस विवाद में क्यों पड़ना कि महावीर ने क्या कहा है? महावीर ने जिस चेतना में प्रवेश करके जाना था वह चेतना आपके पास मौजूद है। प्रवेश करिए और जानिए। महावीर को तय करने की क्या जरूरत है, अदालत बिठालने की क्या जरूरत है कि उन्होंने क्या कहा? टीकाएं लिखने की क्या जरूरत है? आप भी वही हो सकते हैं जो महावीर थे। तो फिर वही होकर जान लीजिए। फिर क्या जरूरत है कि आप तय करें। ढाई हजार वर्ष पहले कोई आदमी हुआ कि नहीं हुआ, क्या कहा उसने कि नहीं कहा। इससे प्रयोजन क्या है?

मैं एक गाँव में बोलने गया। बोलने के बाद एक पंडित खड़े हो गए और उन्होंने मुझे पूछा कि मैं तीन वर्षों से एक रिसर्च कर रहा हूँ, एक शोध कार्य कर रहा हूँ। मैं यह पता लगाना चाहता हूँ कि बुद्ध और महावीर दोनों एक ही समय में हुए, उसमें उम्र किसकी ज्यादा थी-- बुद्ध की उम्र ज्यादा थी कि महावीर की उम्र ज्यादा थी? मैंने कहा, उनकी उम्र तय करने में तुम अपनी उम्र क्यों खराब कर रहे हो? और तीन साल तुम्हारे खराब हो गए। उसमें से किसी की भी ज्यादा हो इससे क्या फर्क पड़ता है? यह दुनिया में कौन-सा अहम मसला है? लेकिन यह आदमी अगर तय कर लेगा तो यह पी एच डी हो जाएगा। इसको एक रिसर्च की डिग्री मिल जाएगी और यह डाक्टर कहलाएगा। और लोग संभ्रम से देखेंगे कि आदमी डाक्टर है। यह आदमी पागल है। यह आदमी यह तय कर रहा है कि बुद्ध महावीर से बडे थे कि महावीर बुद्ध से बड़े थे। यह सब खोज-बीन करके, पच्चीस तर्क करके यह निर्णय करेगा और इस बीच यह अपनी उम्र खराब करेगा।

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