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धर्म एवं दर्शन >> अमृत द्वार

अमृत द्वार

ओशो

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :266
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9546
आईएसबीएन :9781613014509

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ओशो की प्रेरणात्मक कहानियाँ

सिंगमड फ्रायड के बीस पच्चीस मित्रों का एक समूह था। फ्रायड खुद ही एक मसीहा था। इस अर्थों में कि दुनिया में जिन लोगों ने कुछ विचारों की नयी क्रांतियां की हैं उनमें महावीर और बुद्ध के साथ फ्रायड का नाम भी खड़ा होगा। अगर हिंदुस्तान में पैदा होता है, हम उसको भगवान की हैसियत देते, लेकिन गलती की कि वहाँ योरोप में पैदा हुआ। वहाँ कोई आदमी जल्दी भगवान नहीं बनता। उसके दस मित्रों का जो पहला समूह था, एक दिन सांझ को फ्रायड ने अपने सारे शिष्यों को, मित्रों को बुलाया हुआ है भोजन पर। वह सब भोजन कर रहे हैं, फ्रायड भी भोजन कर रहा है। उन सबसे विवाद शुरू हो गया किसी बात पर कि इस संबंध में फ्रायड का क्या मंतव्य है। फ्रायड मौजूद है, वह बैठा भोजन कर रहा है।

वे पच्चीसों मित्र आपस में लड़ने लगे। हरेक कहने लगा, नहीं यह मतलब नहीं है फ्रायड का। फ्रायड का मतलब और है। यह मतलब यह है। वे पच्चीसों विवाद करने लगे। घंटे भर में विवाद में इतने लीन हो गए कि वे यह भूल ही गए कि फ्रायड मौजूद है, इससे क्यों न पूछ लें कि तुम्हारा मतलब क्या है? फिर फ्रायड ने कहा, मित्रों, मेरे सोने का समय हो गया। फौरन तुमसे एक प्रार्थना करता हूँ कि जो काम मेरे मरने के बाद करना था, तुम मेरी जिंदगी में मेरे सामने कर रहे हो। मैं मर जाऊं तब तुम तय करना कि फ्रायड को क्या उपदेश था। अभी तो मैं जिंदा हूँ, मुझसे पूछ सकते हो। लेकिन तुम्हें मुझसे पूछने की फुर्सत नहीं। तुम आपस में तय कर रहे हो कि मेरा मतलब क्या है।

महावीर का क्या मतलब है? श्वेतांबर से पूछो, वह कहता है और मतलब है। दिगंबर से पूछो, वह कहता है और मतलब है। स्थानकवासी से पूछो, वह कहता है, और मतलब है। तेरापंथी से पूछो, वह कहता है और मतलब है। अभी यही तय न हो सका कि महावीर नंगे रहते थे कि वस्त्र पहनते थे। उपदेश तो बहुत दूर की बात है। कोई कहता है वस्त्र पहनते थे, कोई कहता है नंगे रहते थे। अभी यह भी तय नहीं हो सका कि महावीर की शादी हुई थी कि नहीं हुई थी। दिगंबर कहते हैं, शादी कभी नहीं हुई। महावीर जैसा पुरुष कहीं शादी कर सकता है? श्वेतांबर कहते हैं, शादी तो हुई ही थी, लड़की भी पैदा हुई थी। लड़की का दामाद भी था। इन बातों पर ही तय नहीं हो सकता तो उपदेश पर आप क्या तय करेंगे कि महावीर ने क्या कहा है?

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