कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
१०४
देश की, धर्म की, बिगड़े हालात की
देश की, धर्म की, बिगड़े हालात की
दे रही है सही जानकारी ग़ज़ल
पहले करती थी बातें मोहब्बत की ये
अब तो करने लगी फ़ौजदारी ग़ज़ल
कहते होंगे कभी मीर-ग़ालिब मगर
आजकल कह रहे हैं तिवारी ग़ज़ल
जब ख़यालों को अपने जमीं मिल गयी
आसमानों से हमने उतारी ग़ज़ल
इस क़दर इसका जादू चढ़ा ‘क़म्बरी’
कह रहे हैं सभी बारी-बारी ग़ज़ल
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