कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
१०५
हमसे मत पूछिये अब किधर जायेंगे
हमसे मत पूछिये अब किधर जायेंगे
थक गये हैं बहुत अपने घर जायेंगे
कितने प्यासे हैं हम ये बता दें अगर
बहते धारे नदी के ठहर जायेंगे
शीश महलों में हमको न ले जाईये
आईने देख लेंगे तो डर जायेंगे
मौत के डर से नाहक़ परेशान हैं
आप जिंदा कहाँ हैं जी मर जायेंगे
‘क़म्बरी’ आप का इक ठिकाना तो है
जिनका घर ही न हो वो किधर जायेंगे
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