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कविता संग्रह >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

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१०५

हमसे मत पूछिये अब किधर जायेंगे


हमसे मत पूछिये अब किधर जायेंगे
थक गये हैं बहुत अपने घर जायेंगे

कितने प्यासे हैं हम ये बता दें अगर
बहते धारे नदी के ठहर जायेंगे

शीश महलों में हमको न ले जाईये
आईने देख लेंगे तो डर जायेंगे

मौत के डर से नाहक़ परेशान हैं
आप जिंदा कहाँ हैं जी मर जायेंगे

‘क़म्बरी’ आप का इक ठिकाना तो है
जिनका घर ही न हो वो किधर जायेंगे

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