कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
१०७
कोई खिलता गुलाब क्या जाने
कोई खिलता गुलाब क्या जाने
आ गया कब शबाब क्या जाने
गर्मिये-हुस्न की लताफ़त को
तेरे रुख़ का नक़ाब क्या जाने
किस क़दर मैं नशे में डूबा हूँ
जामो-मीना शराब क्या जाने
लोग जीते हैं कैसे बस्ती में
इस शहर का नवाब क्या जाने
ए.सी. कमरों में बैठने वाले
गर्मिए-आफ़ताब क्या जाने
नींद में ख़्वाब देखने वाले
जागी आँखों के ख़्वाब क्या जाने
जिसको अल्लाह पर यकीन नहीं
वो सवाबो-अज़ाब क्या जाने
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