कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
१६
बात सुन कर कोई फ़ैसला दीजिये
बात सुन कर कोई फ़ैसला दीजिये
फिर मुझे चाहे जो भी सज़ा दीजिये
जो भी होना है होकर रहेगा वही
बद-दुआ दीजिये या दुआ दीजिये
आप की राह कुछ है मेरी राह कुछ
चलिये हटिये मुझे रास्ता दीजिये
जिनके हाथों में फ़ेहरिस्त है मौत की
नाम मेरा भी उनको बता दीजिये
मुँह चिढ़ाना बुरी बात है ‘क़म्बरी’
आईना, आईने को दिखा दीजिये
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