कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
२२
आप कहते हैं दूषित है वातावरण
आप कहते हैं दूषित है वातावरण
पहले देखें स्वंम अपना अन्तःकरण
कितना संदिग्ध है आप का आचरण
रात इसकी शरण, प्रात उसकी शरण
आप सोते हैं सत्ता की मदिरा पिये
चाहते है कि होता रहे जागरण
फूल भी हैं यहाँ, शूल भी हैं यहाँ
देखना है कहाँ पर धरोगे चरण
आप सूरज को मुठ्ठी में दाबे हुये
कर रहे हैं उजालों का पंजीकरण
शब्द हमको मिले, अर्थ वो ले गये
न इधर व्याकरण, न उधर व्याकरण
लीक पर हम भी चलते मगर ‘क़म्बरी’
कौन है ऐसा जिसका करें अनुसरण
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