कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
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दर्दो-ग़म की किताब क्या रखना
दर्दो-ग़म की किताब क्या रखना
ज़िन्दगी का हिसाब क्या रखना
आँख में आँसुओं का दरिया है
भीगी पलकों पे ख़्वाब क्या रखना
चाँद है जब हमारी बाहों में
फिर कोई आफ़ताब क्या रखना
दर्द दिल में छिपा के रखते हैं
दिल में ख़ुशियाँ जनाब क्या रखना
दिल धड़कता तो रख भी देते हम
संग-दिल पर गुलाब क्या रखना
देख लेता है देखने वाला
रुख़ पे ऐसे नक़ाब क्या रखना
साग़रों में उडेल दे साक़ी
बोतलों में शराब क्या रखना
जिसको अच्छी नज़र से देखा है
उसपे नीयत ख़राब क्या रखना
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