कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
५९
हर कोई खेल दिखाता है क्या किया जाये
हर कोई खेल दिखाता है क्या किया जाये
हर इक गली में तमाशा है क्या किया जाये
जो पी रहा है सुब्ह-शाम सैकड़ों दरिया
वो समन्दर अभी प्यासा है क्या किया जाये
वो जिस चराग़ से मिलती थी रौशनी हमको
उसी ने घर भी जलाया है क्या किया जाये
जो फिर रहा था चुनाव में हाथ फैलाये
हवा में हाथ हिलाता है क्या किया जाये
जिसे ज़रा सी भी आती नहीं ख़रीदारी
वो मेरे दाम लगाता है क्या किया जाये
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