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कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

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६८

हम न होंगे तो हमारी भी कहानी होगी


हम न होंगे तो हमारी भी कहानी होगी
सिर्फ़ वो दिल में नहीं सब की ज़बानी होगी

मिल गये हैं जो तुझे आज वो लम्हे जी ले
कल तेरा रूप न होगा न जवानी होगी

जा रहा हूँ मैं तेरे प्यार की ख़ुशबू लेकर
बस मेरे पास यही तेरी निशानी होगी

हो गया झील सी आँखों से मैं ओझल जिस दिन
ठहरे पानी में उसी रोज़ रवानी होगी

उसको काग़ज़ पे नहीं दिल पे बनाया मैंने
अब न तस्वीर मिटेगी न पुरानी होगी

मैं तो दुश्मन हूँ तेरा, मुझसे शिकायत कैसी
दोस्तो ने भी तेरी बात न मानी होगी

‘क़म्बरी’ शम्आ करो प्यार की दिल में रौशन
प्यार होगा तो हर इक शाम सुहानी होगी

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