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कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

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११२

ज़िन्दगी क्या है पता क्या करना


ज़िन्दगी क्या है पता क्या करना
उससे उम्मीद-ए-वफ़ा क्या करना

जिसमें आती न हो वफ़ा की महक
ऐसी बेकैफ़ फ़ज़ा क्या करना

उसकी मर्ज़ी पे सर झुकाना है
वो सज़ा दे के जज़ा क्या करना

जीना – मरना है तेरी चाहत में
और फिर इसके सिवा क्या करना

जिसने दीवार खींच ली दिल में
वो रहे मुझसे ख़फ़ा क्या करना

मौत घेरे है अपनी बाहों में
ऐसे जीने की दुआ क्या करना

‘क़म्बरी’ कह गया मज़े से ग़ज़ल
तुझको आये न मज़ा क्या करना

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