कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
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मोहब्बत से करती मोहब्बत मोहब्बत
मोहब्बत से करती मोहब्बत मोहब्बत
अदावत से करती अदावत मोहब्बत
ख़ुदा भी मिलेगा, सनम भी मिलेगा
जो करिये तो है वो इबादत मोहब्बत
अजूबा नहीं है कोई ताज जैसा
बनाती है ऐसी इमारत मोहब्बत
नज़र से नज़र क्या मिली मेरी उनसे
निगाहों से करती शरारत मोहब्बत
नया दौर है नेट पे बैठे हैं आशिक़
अजी ढा रही है क़यामत मोहब्बत
वफ़ा शर्त है मेरी सुनले ज़माना
यही सबको देती नसीहत मोहब्बत
अरे ‘क़म्बरी’ देश के लाल तुम हो
बहुत तुमसे करता है भारत मोहब्बत
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