कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
८९
थोड़ी झूठी है, थोड़ी सच्ची है
थोड़ी झूठी है, थोड़ी सच्ची है
हाँ ! मगर बात बहुत अच्छी है
मैं तेरी उम्र बताऊँ कैसे
थोड़ी पक्की है, थोड़ी कच्ची है
तू है कैसी मैं कह नहीं सकता
तेरी तस्वीर बहुत अच्छी है
एक सिक्का है ज़िन्दगी अपनी
है कभी सन तो कभी मच्छी है
प्रश्न जीवन के हल नहीं होते
यार बेकार माथा पच्ची है
उसको मारो न जन्म से पहले
ये तो सोचो तुम्हारी बच्ची है
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