कविता संग्रह >> नारी की व्यथा नारी की व्यथानवलपाल प्रभाकर
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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ
63. तुम शादी की करो तैयारी
तुम शादी की करो तैयारी
दहेज है बड़ी बुरी बीमारी
इससे बचके रहना आप भी
अब जाता हूँ आऊँगा जल्दी
जल्दी शादी कर ले जाऊँगा
दहेज तुम्हारा ये पाऊँगा
मैं लक्ष्मी बस तुम्हारी हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।
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