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कविता संग्रह >> नारी की व्यथा

नारी की व्यथा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9590
आईएसबीएन :9781613015827

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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ


78. आँखों से मैं अंधी


आँखों से मैं अंधी
लकड़ी बिन बे-सहारा
इस बूढ़ी उम्र में देखो
कोई नही मेरा सहारा

लेकर चला बड़ा बेटा
दिल पत्थर, शरीर का हट्टा

यही सोचकर रोती हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।


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