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कविता संग्रह >> नारी की व्यथा

नारी की व्यथा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9590
आईएसबीएन :9781613015827

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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ


18. मैं हमेशा हँसती रहती


मैं हमेशा हँसती रहती
कभी किसी से कुछ न कहती
हर घर में घुमती रहती
हर किसी का काम मैं करती

हर कोई है खुश मुझसे
ना कोई दुखी मुझसे

पूरी गाँव की प्यारी हूँ।
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।

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