कविता संग्रह >> नारी की व्यथा नारी की व्यथानवलपाल प्रभाकर
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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ
51. दहेज के बारे में तुमने
दहेज के बारे में तुमने
जो-जो पिता से बातें कही
क्या वो सब सच हैं बातें
और बिल्कुल हैं सही
प्यार से मैंने पूछा उससे
देखता ही रहा वो मुझे
इतनी तो मैं प्यारी हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।
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