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कविता संग्रह >> यादें

यादें

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9607
आईएसबीएन :9781613015933

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बचपन की यादें आती हैं चली जाती हैं पर इस कोरे दिल पर अमिट छाप छोड़ जाती हैं।



कुछ न था


गम बहुत सारे मिले
मगर कोई अपना न था
जिसके सहारे लगाता दिल
ऐसा कोई हमदम न था।

आँखों में अश्रु दिल में प्यार
भटकता रहा द्वार-द्वार
चल रही थी ठंडी बयार
मगर कोई शोला न था।
जिसके सहारे लगाता दिल
ऐसा कोई हमदम न था।

आरजू का फूल लिए मैं
जलाए राह में कई दिये
दिये बुझ गए वो सारे
रास्ता ही कुछ अच्छा न था।
जिसके सहारे लगाता दिल
ऐसा कोई हमदम न था।     

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